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मिडिल क्लास को तोहफा, यहां समझिए कैसे मिलेगा 12 लाख तक की आय में टैक्स छूट का लाभ - NEW INCOME TAX SLAB

ऐसा नहीं है कि 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं होगा. टैक्स होगा, लेकिन इसके लिए सेक्शन 87-ए को समझना होगा.

केंद्रीय बजट में मिडिल क्लास को तोहफा
केंद्रीय बजट में मिडिल क्लास को तोहफा (ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 1, 2025, 7:07 PM IST

शिमला: इस बार के बजट में सबसे अधिक चर्चा 12 लाख तक की आय में टैक्स छूट को लेकर हो रही है. इस आय वर्ग के सभी लोग ये समझना चाह रहे हैं कि उन्हें लाभ कैसे व किस रूप में मिलेगा. इसके लिए सबसे पहले टैक्स स्लैब को देखना होगा. फिर टैक्स रिबेट की प्रक्रिया को जानना भी जरूरी है. हालांकि मिडिल क्लास का सेलरिड सेक्शन इस गुत्थी को सुलझाने में सक्षम है, लेकिन उन्हें भी विषय की स्पष्टता हो जाए, इसके लिए ईटीवी ने आर्थिक मामलों के जानकार राजीव सूद से बात की है.

राजीव सूद कहते हैं "12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है, इस बात को समझना होगा. पहले टैक्स की ओल्ड रिजीम होती थी. फिर न्यू टैक्स रिजीम आई. वित्त मंत्री की सोच है कि टैक्स की ओल्ड रिजीम को धीरे-धीरे खत्म कर दिया जाए. अब न्यू टैक्स रिजीम की बात होगी. ऐसा नहीं है कि 12 लाख तक की आय पर टैक्स नहीं होगा. टैक्स होगा, लेकिन इसके लिए सेक्शन 87-ए को समझना होगा.

राजीव सूद, आर्थिक मामलों के जानकार (ETV Bharat)

राजीव सूद के अनुसार टैक्स स्लैब हैं. अभी जो बजट पेश किया गया है, उसमें लोअर से हायर इनकम वालों को कुछ न कुछ बचेगा. ये बचत 10 हजार से 84 हजार अधिकतम होगी. राजीव सूद का कहना है कि ये पहली बार है कि मिडिल क्लास को बड़ी राहत मिली है और तोहफा मिला है.

इनकम टैक्स स्लैब (ETV Bharat GFX)

टैक्स रिबेट का लाभ हासिल करने को आईटीआर भरें

टैक्स में रिबेट का लाभ हासिल करने के लिए सेक्शन 87-ए के तहत प्रावधान है. इसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर भरनी होगी. रिबेट को क्लेम करने के लिए आईटीआर भरने के बाद रिबेट का पैसा रिटर्न भरने वाले के बैंक खाते में आ जाएगा. जहां तक बात न्यू टैक्स रिजीम की है तो इस बार चार लाख तक की आय पर शून्य टैक्स है. चार से आठ लाख की आय पर 5 फीसदी टैक्स स्लैब है. ये रकम 20 हजार बनती है. इसी तरह 8 से 12 लाख तक की आय पर दस फीसदी स्लैब है. इसमें टैक्स स्लैब के तहत रकम 60 हजार तक बनती है. ओल्ड टैक्स रिजीम में सेक्शन 87-ए के तहत रिबेट 12.50 हजार रुपये थी. अब ये रिबेट 60 हजार रुपये है. ऐसे में 12 लाख तक की आय टैक्स फ्री हो जाएगी. ये तकनीकी पहलू है. इसमें सबसे बड़ी भूमिका सेक्शन 87-ए के तहत मिलने वाली रिबेट की है.

ITR भरते समय देने होते हैं ये दस्तावेज

मकान का किराया, बीमा पॉलीसी, सुकन्या समृद्वि योजना के तहत जमा रकम, पीपीएफ व अन्य निवेश के कागजात ITR भरते समय देने होते हैं.

ये थी ओल्ड टैक्स रिजीम

ओल्ड टैक्स रिजीम के अनुसार तीन लाख रुपये सालाना आय तक शून्य टैक्स था फिर 3 से 7 लाख रुपये की आय पर 5 फीसदी, सात से दस लाख रुपये सालाना आय पर सात फीसदी, 10 से 12 लाख रुपये सालाना की आय पर 15 फीसदी व 12 से 15 लाख रुपये की आय पर टैक्स की दर 20 फीसदी थी.

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