लखनऊःअगर आपको किसी भी खाद्य उत्पाद या फिर खाने में मिलावट की आशंका है तो आप इसकी सरकारी जांच करवा सकते हैं. इसके लिए सरकार विशेष सुविधा दे रही है. इसके साथ ही जांच की दरें भी बेहद रियायती कर दी गई हैं. चलिए जानते हैं इसके बारे में.
कब तक मिलेगी जांच में छूटःदरअसल,उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अन्तर्गत संचालित क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र (आर-फ्रैक) के 20 वर्ष पूरे हो गए हैं. उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस उपलक्ष्य में 16 अक्टूबर से 31 दिसम्बर तक खाद्य प्रसंस्करण पदार्थों की जांच में विशेष छूट दिए जाने का फैसला लिया है. इस अवधि में विभिन्न प्रकार की सम्बन्धित सुविधायें जनता को विशेष रियायती दरों पर या नि:शुल्क दिये जाने का प्रावधान किया गया गया है. मिलावटी जांच एवं प्रशिक्षण सम्बन्धी सुविधायें आम जनता को विशेष रूप से दी जाएंगी.
खाद्य पदार्थो में मिलावट की जांच सुविधाःग्रहणियों, महिला स्वयं सहायता समूहों, उद्यमियों, एफपीओ, स्टार्टअप, विश्वविद्यालयों को इस इस विशेष सत्र में खाद्य पदार्थों में मिलावट की जांच न्यूनतम शुल्क 50 रुपए प्रति सैम्पल की दर से किये जाने की सुविधा उपलब्ध होगी. खाद्य पदार्थ निर्माताओं/उद्यमियों को क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र (आर-फ्रैक) की तरफ से निर्धारित शुल्क पर खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता जांच पर 50 प्रतिशत की छूट उपलब्ध होगी. गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले छात्र/छात्राओं, महिलाओं को आर-फ्रैक फ्री ट्रेनिंग देगा.
कब से कब तक मिलेगी छूटःयह छूट 16 अक्टूबर से 31 दिसम्बर तक क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र (आर-फैक) की वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करते हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 तक प्राप्त कर सकते हैं. क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र (आर-फैक), लखनऊ से संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रम में विश्वविद्यालयों और कॉलेज के शोधकर्ता छात्र/छात्राओं को प्रशिक्षण शुल्क में 40 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है. महिला उद्यमियों के प्रशिक्षण शुल्क में 60 प्रतिशत छूट प्रदान की जायेगी.
फ्री तकनीकी परामर्श मिलेगा:सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों को नया उद्योग स्थापित करने के लिए पी.एम.एफ.एम.ई योजना कि अन्तर्गत नि:शुल्क तकनीकी परामर्श क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र (आर-फ्रैक) उपलब्ध कराएगा.
2004 से कार्यरत है विभागःक्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र के निदेशक एसके चौहान ने बताया कि क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र (आर-फैक) लखनऊ, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अन्तर्गत सोसाइटी एक्ट के तहत एक पंजीकृत संस्था के रूप में वर्ष 2004 से कार्यरत है. प्रमुख सचिव, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण इसके अध्यक्ष व निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग इसके उपाध्यक्ष हैं. क्षेत्रीय खाद्य अनुसंधान एवं विश्लेषण केन्द्र (आर-फैक) विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है. रोजगार परक, कौशल विकास प्रशिक्षण, मशरूम खेती एवं मूल्य संबर्धित उत्पाद, जलीय व वायु, एक्वापोनिक छत पर खेती, किचन गार्डेनिंग, खाद्य सुरक्षा एवं स्वच्छता एवं मिलावट, मिलिट मूल्य संबर्धित उत्पाद शामिल हैं.