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महाकुंभ 2025; मेला क्षेत्र में निकली बड़ा उदासीन अखाड़े की पेशवाई, हाथी-घोड़े पर सवार रहे साधु-संत - MAHA KUMBH MELA PRAYAGRAJ

बैंड-बाजे के साथ हाथी-घोड़े पर सवार होकर निकले साधु-संत

मेला क्षेत्र में निकली पेशवाई.
मेला क्षेत्र में निकली पेशवाई. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 12, 2025, 7:36 PM IST

Updated : Jan 12, 2025, 8:12 PM IST

प्रयागराज : महाकुंभ में रविवार को पूरी भव्यता और दिव्यता से पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े की छावनी यात्रा निकाली गई. हाथी-घोड़े और बाजे-गाजे के साथ रास्ते भर लोग स्वागत करते रहे.

मेला क्षेत्र में निकली पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े की छावनी यात्रा. (Video Credit; ETV Bharat)

महाकुंभ में 13 प्रमुख अखाड़ों के साधु-संत पवित्र नदियों में स्नान करेंगे. इन अखाड़ों में से एक प्रमुख अखाड़ा है श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन. महाकुंभ में बड़ा उदासीन अखाड़े की पेशवाई यानी छावनी प्रवेश शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा प्रयागराज स्थित पत्थरचट्टा रामलीला मैदान से शुरू होकर शहर के तमाम रास्तों से होती हुई मेला क्षेत्र पहुंची. इस पेशवाई में कई राज्यों से आए बैंड पार्टियों को बुलाया गया. साथ ही धर्म और आध्यात्म के साथ ही कला और संस्कृति के भी अलग-अलग रंग देखने को मिले. वहीं संत, हाथी-घोड़े और ऊंट पर सवार होकर सनातन की पताका को लहराते हुए आगे बढ़ते रहे. पेशवाई में शामिल संतों पर रास्ते भर जगह-जगह पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया गया. इस मौके पर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए.

लोगों के आकर्षक का केंद्र रही पेशवाई में सबसे आगे अखाड़े के आराध्य भगवान शिव स्वरूप भगवान चंद्रदेव पालकी और पीछे संतों के साथ-साथ अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य रथ पर सवार होकर पेशवाई की अगवाई करते रहे. शोभायात्रा जिस भी मार्ग से गुजरी, संतों पर जगह-जगह पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया गया. इस मौके पर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए.

बता दें कि अखाड़े की छावनी प्रवेश का बहुत बड़ा महत्व है. सारे अखाड़ों की पेशवाई के बाद अब कुंभ मेले की शुरुआत हो जाएगी. सभी अखाड़ों के साधु-संत, संन्यासी शाही स्नान की तैयारी करेंगे. वहीं, मेले की शुरुआत के एक दिन पहले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ प्रयागराज में देखी गई.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025; कल पौष पूर्णिमा पर पहले स्नान से मेले की शुरुआत, 4 दिनों तक वाहनों का प्रवेश बंद - MAHAKUMBH PAUSH PURNIMA

प्रयागराज : महाकुंभ में रविवार को पूरी भव्यता और दिव्यता से पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े की छावनी यात्रा निकाली गई. हाथी-घोड़े और बाजे-गाजे के साथ रास्ते भर लोग स्वागत करते रहे.

मेला क्षेत्र में निकली पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े की छावनी यात्रा. (Video Credit; ETV Bharat)

महाकुंभ में 13 प्रमुख अखाड़ों के साधु-संत पवित्र नदियों में स्नान करेंगे. इन अखाड़ों में से एक प्रमुख अखाड़ा है श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन. महाकुंभ में बड़ा उदासीन अखाड़े की पेशवाई यानी छावनी प्रवेश शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा प्रयागराज स्थित पत्थरचट्टा रामलीला मैदान से शुरू होकर शहर के तमाम रास्तों से होती हुई मेला क्षेत्र पहुंची. इस पेशवाई में कई राज्यों से आए बैंड पार्टियों को बुलाया गया. साथ ही धर्म और आध्यात्म के साथ ही कला और संस्कृति के भी अलग-अलग रंग देखने को मिले. वहीं संत, हाथी-घोड़े और ऊंट पर सवार होकर सनातन की पताका को लहराते हुए आगे बढ़ते रहे. पेशवाई में शामिल संतों पर रास्ते भर जगह-जगह पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया गया. इस मौके पर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए.

लोगों के आकर्षक का केंद्र रही पेशवाई में सबसे आगे अखाड़े के आराध्य भगवान शिव स्वरूप भगवान चंद्रदेव पालकी और पीछे संतों के साथ-साथ अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य रथ पर सवार होकर पेशवाई की अगवाई करते रहे. शोभायात्रा जिस भी मार्ग से गुजरी, संतों पर जगह-जगह पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया गया. इस मौके पर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए.

बता दें कि अखाड़े की छावनी प्रवेश का बहुत बड़ा महत्व है. सारे अखाड़ों की पेशवाई के बाद अब कुंभ मेले की शुरुआत हो जाएगी. सभी अखाड़ों के साधु-संत, संन्यासी शाही स्नान की तैयारी करेंगे. वहीं, मेले की शुरुआत के एक दिन पहले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ प्रयागराज में देखी गई.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025; कल पौष पूर्णिमा पर पहले स्नान से मेले की शुरुआत, 4 दिनों तक वाहनों का प्रवेश बंद - MAHAKUMBH PAUSH PURNIMA

Last Updated : Jan 12, 2025, 8:12 PM IST
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