लखनऊःनिर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश कर दिया है. बजट भाषण के दौरान जिस तरह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि, निर्यात, एमएसएमई और इन्वेस्टमेंट को देश के विकास के लिए 4 स्तम्भ बताएं है, उसमें उत्तर प्रदेश की सर्वाधिक सहभागिता की जरूरत पड़ेगी. जिसको लेकर उत्तर प्रदेश के इंडस्ट्री एक्सपर्ट ने इस बजट को सकारात्मक बताते हुए इसकी सराहना की.
एमएसएमई इंडस्ट्री की बॉडी इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (IIA) के सदस्य चार्टर्ड अकाउंटेंट जतिन श्रीवास्तव बताते हैं कि आज के बजट में जिक्र किए गए चार स्तंभों में कृषि, निर्यात और एमएसएमई शामिल हैं, इसको लेकर उत्तर प्रदेश में मजबूती से काम किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश की इकोनॉमी लगभग 320 बिलियन डॉलर है. सरकार चाहती है कि कुछ सालों में यह वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाए. उत्तर प्रदेश सरकार के इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए निर्यात और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर काम करने की जरूरत समझी है.
IIA के पदाधिकारियों की बजट पर प्रतिक्रिया. (Video Credit; ETV Bharat) बजट में जिस तरह से टूरिज्म सेक्टर और खास तौर पर आध्यात्मिक पर्यटन को सहारा देने की बात की गई. इसमें भी उत्तर प्रदेश में पर्यटन के लिए बहुत सारे मौके है, जिसका सीधा फायदा अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मिलेगा. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में मध्य वर्गी वेतन भोगियों के लिए 12 लाख तक की आय को टैक्स फ्री कर दिए जाने पर चार्टर्ड अकाउंटेंट जतिन श्रीवास्तव बताते हैं कि इससे कहीं ना कहीं मिडिल क्लास की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी. जिसका सीधा असर डिमांड बढ़ने पर पड़ेगा जो कि इंडस्ट्री के लिए अच्छे ग्रोथ संकेत हैं.
यूपी के चमड़ा और खिलौने उद्योग के लिए क्या है खास:बजट में चमड़े और खिलौने के उद्योगों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है. इसको लेकर भी उत्तर प्रदेश में दशकों से चले आ रहे चमड़ा उद्योग को फायदा मिलेगा और निर्यात में उत्तर प्रदेश बेहतर परफॉर्मेंस दे सकेगा. उत्तर प्रदेश में चमड़े का उद्योग प्रमुखता से आगरा और कानपुर में किया जाता है. वही, खिलौनों से संबंधित उद्योग को लेकर भी उत्तर प्रदेश में टॉयज पार्क प्रस्तावित है. इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष मनीष गोयल बताते हैं कि इस बजट में लेदर और टॉय इंडस्ट्री में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए बहुत सारे इंसेंटिव दिए हैं. यही नहीं टॉय इंडस्ट्री में ड्यूटी बढ़ा दी गई है, जिससे कि खिलौने के आयात पर काबू पाया जा सके. यह दोनों ही कदम सराहनीय है, इसका सकारात्मक प्रभाव हमारे उद्योगों पर अवश्य दिखेगा.
एमएसएमई के लिए क्या खास: इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के लखनऊ चैप्टर के प्रेसिडेंट विकास खन्ना बताते हैं कि वित्त मंत्री ने एमएसएमई को सेकंड एंजेल में रखा है. इस बार उन्होंने अपने भाषण में एमएसएमई के लिए डायरेक्ट स्कीम्स दी है, जो कि पहले इनडायरेक्ट स्कीम्स से जुड़ा रहता था. सबसे अच्छी स्कीम है, जिसमें सूक्ष्म उद्योग के लिए 10 लाख कार्ड 5 लाख रुपए तक के क्रेडिट कार्ड देने की व्यवस्था की गई है. विकास बताते हैं कि एमएसएमई के लिए एक स्कीम चालू हुई थी, जिसमें एक करोड़ से लेकर 5 करोड रुपये तक के लोन बिना किसी कोलेट्रल के दिए जाते थे. इसे अब 5 से बढ़कर 10 करोड़ तक किए जाने की बात आज वित्त मंत्री ने अपने बजट में की है. लेकिन अधिकांश इसमें पाया गया है कि बैंक इस स्कीम को उद्यमियों को देने में अपनी मनमानी करते हैं. ऐसा पाया गया है कि बिना कोलेट्रल रखे लोन नहीं दिया जाता है, इसके सरलीकरण पर सरकार को कम करना चाहिए.
इसे भी पढ़ें-Watch Video; आम बजट में आधी आबादी को क्या मिला? महिला CA से जानिए - BUDGET 2025