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संविदा पर बहाल आशुलिपि और निम्न वर्गीय लिपिक के लिए अच्छी खबर, मानदेय को लेकर आया नया अपडेट - STENOGRAPHER HONORARIUM UPDATE

संविदा पर बहाल आशुलिपि और निम्न वर्गीय लिपिक के मानदेय में जल्द एकरूपता लाया जाएगा. इसको लेकर विभाग ने सरकार से अनुशंसा की है.

Honorarium Update Of Stenographer
पटना सचिवालय (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : 9 hours ago

पटना:बिहार में संविदा बहाली के तहत नियोजित आशुलिपि और निम्न वर्गीय लिपिक के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने मानदेय को लेकर विचार करने जा रही है. मानदेय में एकरूपता के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉक्टर बी राजेंद्र ने सभी विभागों के सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमंडलीय आयुक्त और जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है.

कितना होगा मानदेय: संविदा के आधार पर नियोजित आशुलिपिक एवं निम्न वर्गीय लिपिक के मानदेय का फिर से निर्धारण किया जाना है. विकास आयुक्त की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने आशुलिपिक को 30000 और निम्न वर्गीय लिपि को 25000 मानदेय की अनुशंसा की है. इसी अनुशंसा को लागू करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने निर्देश जारी किया है.

मानदेय में एकरूपता जरूरी: सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी किए गए लेटर में कहा गया है कि संविदा नियोजित कर्मियों के मानदेय निर्धारण के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति है. जिसमें संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव सदस्य सचिव होते हैं. संविदा पर नियोजित आशुलिपिक एवं निम्न वर्गीय लिपिक सभी विभागों में पदस्थापित हैं. ऐसे में सभी विभागों में संविदा नियोजित इन कर्मियों के मानदेय निर्धारण में एकरूपता जरूरी है.

कब से लागू होगा?: अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि विचार विमर्श के बाद सभी विभागीय कार्यालयों में संविदा नियोजित आशु लिपिक एवं निम्न वर्गीय लिपिक के मानदेय का पुर्ननिर्धारण की अनुशंसा की गई है. आशुलिपि का नया मानदेय यह 8 सितंबर 2023 से प्रभावी होगा. निम्न वर्गीय लिपिक का मानदेय 1 दिसंबर 2024 के प्रभावी रहेगा.

कमेटी बनाकर फैसला:विभिन्न विभागों की ओर से संविदा कर्मियों की नियुक्ति में मानदेय में एकरूपता नहीं रखी गई है. एक ही पद के लिए अलग-अलग मानदेय का भुगतान किया जा रहा है और संविदा कर्मियों के मानदेय में एकरूपता लाने के लिए सवाल उठता रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश के बाद मानदेय में एकरूपता लाने के लिए ही विकास आयुक्त के अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई, जिसकी अनुशंसा के बाद अब मानदेय में एकरूपता लाने पर काम शुरू हो गया है.

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