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रामनगर के दानी परिवार से मधुमक्खियों का है अनोखा प्यार, काटती नहीं हैं, घर का भी रखतीं ख्याल - RAMNAGAR BEEKEEPING

दानी परिवार के पास कुत्ता-बिल्ली नहीं मधुमक्खियां हैं, बच्चों की तरह करते हैं इनसे प्रेम, शहद के लिए नहीं शौक के लिए पालीं

NAINITAL HONEY BEE FAMILY
मधुमक्खियों की अनोखी कहानी (PHOTO- ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 24, 2024, 10:47 AM IST

Updated : Dec 24, 2024, 11:54 AM IST

रामनगर (कैलाश सुयाल): आपने कुत्ते, बिल्ली आदि जानवरों को पालने का शौक कई लोगो में देखा होगा. आज हम आपको ऐसे परिवार से मिला रहे हैं, जिनको मधुमक्खियां पालने का शौक है. उन्होंने इन मधुमक्खियां को शहद के लिए नहीं, बल्कि केवल शौक के लिए पाला है. जी हां हम आपको बता रहे हैं नैनीताल जिले के रामनगर के प्रसिद्ध हनुमान धाम के पास रहने वाले दानी परिवार के बारे में. हमारी इस खास खबर में जानिए दानी परिवार का मधुमक्खियों और मधुमक्खियों का दानी परिवार से प्यार का रिश्ता.

रामनगर के एक परिवार की दोस्त हैं मधुमक्खियां: दानी परिवार ने 12 सालों से मधुमखियों को पाला हुआ है. केवल पाला ही नहीं बल्कि वे इनसे बच्चों की तरह प्रेम भी करते हैं. ये मधुमखियाँ भी उनको अपने परिवार का सदस्य मानती हैं. इस कारण किसी को काटती नहीं हैं. दानी परिवार के बच्चे भी इन मधुमखियों को खूब उड़ाते हैं. इनके साथ खेलते हैं. मधुमक्खियां इनके ऊपर भी बैठ जाती हैं, लेकिन फिर भी ये इनको काटती नहीं हैं. ऐसा प्रेम शायद ही आपने कभी मधुमखियों से करते हुए देखा होगा. अगर घर पर कोई बाहरी व्यक्ति आ जाए और वह इन मधुमक्खियों से छेड़छाड़ करे, तो यह मधुमक्खियां तुरंत ही उनको काट देती हैं.

दानी परिवार से मधुमक्खियों का है अनोखा प्यार (VIDEO- ETV Bharat)

दानी परिवार के सदस्यों को नहीं काटती मधुमक्खियां: इन मधुमक्खियों को पाल रहे 65 वर्षीय हरगोविंद दानी कहते हैं कि वह इनको अपने बच्चों की तरह ही प्रेम करते हैं. वह कहते हैं कि 12 वर्ष पूर्व 4-5 मधुमक्खियां स्वयं ही यहां पर आई थी. जैसे ही यह यहां आई मेरे बेटे की नौकरी भी लग गई थी. आज वह अधिकारी पद पर तैनात है. वह कहते हैं कि उन्होंने उनके लिए एक पेटी बनवाई और जहां पर यह स्वयं आई थी, वहीं पर रसोई के ऊपर वह पेटी लगाई है. पिछले 12 वर्षों से अब इनकी संख्या हजारों में पहुंच गई है. वह कहते हैं कि जब वह कहीं जाते हैं, तो यह मधुमक्खियां पीछे-पीछे बच्चों की तरह आ जाती हैं.

परिवार के सदस्यों की तरह रहती हैं मधुमक्खियां: हरगोविंद बताते हैं कि ना तो यह मेरे नाते-पोतियों को काटती हैं और ना परिवार के किसी सदस्य को. वह कहते हैं कि मैंने इनके लिए फूल पौधे बहुतायत मात्रा में लगाए हैं. उसके साथ ही बगीचे भी मौजूद हैं. वह कहते हैं हम मधुमक्खियों का शहद नहीं निकालते. घर की रसोई के ठीक ऊपर इनका घर बनाया है.

रामनगर के दानी परिवार ने पालीं मधुमक्खियां (PHOTO- ETV BHARAT)

12 साल से दानी परिवार ने पाली हैं मधुमक्खियां: हरगोविंद दानी के पुत्र प्रकाश चंद्र दानी कहते हैं कि मेरे पिताजी ने इन मधुमक्खियों को पिछले 10-12 वर्षों से पाला है. वह कहते हैं पहले कुछ ही मधुमक्खियां थी, लेकिन आज इनकी संख्या हजारों में है. वे कहते हैं कि हमारे आंगन में लगे फूल और बाग बगीचे में ये मधुमक्खियां अक्सर बैठी रहती हैं. कभी-कभी हमारे कपड़ों पर, कभी हमारे सर के ऊपर बैठ जाती हैं. लेकिन कोई नुकसान नहीं पहुंचाती. वह कहते हैं मेरे बच्चे इनको पकड़ भी लेते हैं, लेकिन यह कभी नहीं काटतीं. वह कहते हैं कि हमारी पारिवारिक सदस्य की तरह यह मधुमक्खियां रहती हैं. प्रकाश बताते हैं कि कई बार रात में लाइट खुली रहती है, तो हमारे बिस्तरों में तक आ जाती हैं, लेकिन कोई नुकसान नहीं पहुंचाती.

शहद चुराने आए लोगों को मधुमक्खियों ने काटा: प्रकाश बताते हैं कि एक दिन हम घर पर नहीं थे. उस दौरान कुछ संदिग्ध बाहरी व्यक्ति यहां पर आए. वो शायद शहद चुराना चाहते थे. उनको मधुमक्खियों ने तुरंत काट दिया. वह कहते हैं कि हम जब घर पर नहीं रहते हैं तो ये मधुमक्खियां पारिवारिक सदस्यों की तरह घर की रखवाली भी करती हैं. हरगोविंद दानी की 7 वर्षीय पोती यजस्वी दानी और 4 वर्षीय नंदिका दानी कहती हैं कि उनको यह मधुमक्खियां नहीं काटती हैं. वह उनके साथ दौड़ते और खेलते हैं. कई बार उनके ऊपर भी मधुमक्खियां बैठ जाती हैं, लेकिन वह उनको नहीं काटती हैं. वह कहती हैं कि मधुमक्खियों को हम बहुत अच्छा मानती हैं.

दानी परिवार ने मधुमक्खियों के लिए बनाया घर (PHOTO- ETV BHARAT)

जूलॉजी के असिस्टेंट प्रोफेसर ने बताया ये कारण: वहीं इस पर रामनगर महाविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शंकर मंडल कहते हैं कि जो ह्यूमन कल्चर है, जो हम देखते हैं, वह स्नेह प्रेम के लिए जाना जाता है. हमारे आसपास जो जीव जंतु और जानवर रहते हैं, उनको सोशल एनिमल भी कहा जाता है. जो यह मधुमक्खियां हैं यह भी सोशल इन्सेक्ट हैं. इनमें भी कुछ स्पेशल सेंसेज होते हैं. शंकर मंडल कहते हैं कि-

'हमारे उत्तराखंड में हनी बी की चार प्रकार की स्पीशीज होती हैं. जो स्पीशीज दानी परिवार ने पाली हैं, वो मेलीपोना (Melipona) प्रजाति की मधुमक्खी हैं. यह छोटे-छोटे होल्स में और गुफाओं के आकार वाले क्षेत्र में रहती हैं. यह मधुमक्खी आम तौर पर काटती नहीं हैं. जब खतरा देखती हैं तब ही काटती हैं.'
-शंकर मंडल, असिस्टेंट प्रोफेसर, जंतु विज्ञान, रामनगर महाविद्यालय-

सुगंध से पहचानती हैं मधुमक्खियां: वहीं दानी परिवार को ना काटने पर प्रोफेसर शंकर मंडल कहते हैं कि इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि जो ह्यूमन है, उसकी बॉडी से भी ऐसी सुगंध निकलती है जो कि अलग-अलग सिग्नल्स देते हैं. अलग अलग लोगों के शरीर से अलग-अलग महक आती है. यह मधुमक्खियां जो दानी परिवार के घर पर रह रही हैं, यह दानी परिवार के लोगों की महक (सुगंध) पहचान चुकी है. इस महक से यह मधुमक्खियां खतरा महसूस नहीं कर रही हैं. इसकी वजह से यह मधुमक्खियां नहीं काट रही हैं.

दानी परिवार की मधुमक्खियां घर के सदस्यों को नहीं काटती हैं (PHOTO- ETV BHARAT)
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Last Updated : Dec 24, 2024, 11:54 AM IST

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