बाराबंकी :भारत को दो ओलंपिक गोल्ड मेडल दिलाने वाले अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी पद्मश्री बाबू केडी सिंह की बाराबंकी स्थित पुश्तैनी कोठी को म्यूजियम बनाया जाएगा. जिला प्रशासन द्वारा शासन को संग्रहालय बनाने के लिए भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. संयुक्त सचिव द्वारा जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार को भेजे गए पत्र में आवास का अधिग्रहण कर अग्रिम प्रक्रिया शुरू कराने की बात कही गई है.
बाराबंकी जिलेवासियों की मांग पर बाबू केडी सिंह की कोठी को स्मारक व संग्राहलय बनाने का प्रस्ताव शासन को बीते 15 मार्च को भेजा गया था. बीच में चुनाव आचार संहिता लगने से यह प्रक्रिया रुक गई थी. उसके बाद शासन से दोबारा प्रस्ताव मांगा गया था. शासन ने इस पर विचार करते ही 10 जुलाई को इसकी मंजूरी दे दी है. शासन द्वारा यह भी निर्देश दिए गए हैं कि इस कोठी की जल्द ही अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करते ही संस्कृति विभाग के नाम भूमि दर्ज कराई जाए. इस म्यूजियम में बाबू केडी सिंह की स्मृतियों को संजोने का काम होगा. साथ ही हॉकी के खिलाड़ियों के लिए म्यूजियम में उनके चित्रों समेत उनके यादगार की तमाम चीजों की गैलरी बनाई जाएगी.
दरअसल, 35 हजार 241 वर्ग फिट रकबे वाली इस कोठी का विवाद ठाकुर रघुनाथ सिंह के बेटों कुंवर राजेन्द्र सिंह, कुंवर भूपेंद्र सिंह, कुंवर सुखदेव सिंह, कुंवर नरेश सिंह, कुंवर दिग्विजय सिंह (बाबू केडी सिंह) और कुंवर सुरेश सिंह के बीच चल रहा था. कोठी के वारिसों के बीच बंटवारे को लेकर कोर्ट में केस चल रहा था. वर्ष 2009 को कोर्ट ने आदेश डिक्री पारित किया. जिसमें तय हुआ था कि सभी पक्षकार इस कोठी को बेचकर आपस में पैसों का बराबर बंटवारा कर लेंगे. इसी डिक्री के अनुपालन के लिए कोर्ट में केस चल रहा था. 16 फरवरी 2024 को अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन खान जीशान मसूद के आदेश पर कोठी को सील कर दिया गया था. साथ ही कोर्ट ने इस कोठी को 11 मार्च को नीलाम कराने का आदेश दिया था.
वहीं बाराबंकी के लोगों की मांग को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया और डीएम को कोठी का अधिग्रहण कर स्मारक बनाने के निर्देश दिए. बाद में पक्षकार भी संग्रहालय बनाने और नीलाम न होने के लिए राजी हो गए थे. इसके बाद से कोठी जिला प्रशासन की देखरेख में है. इसी क्रम में डीएम सत्येंद्र कुमार ने स्मारक बनाने के लिए संस्कृति विभाग को प्रस्ताव भेजा था, जिसे बुधवार को मंजूरी मिल गई है. डीएम सत्येंद्र कुमार ने बताया कि शासन से कोठी के अधिग्रहण किए जाने का आदेश मिल गया है. सरकार इस कोठी को खरीद लेगी और साढ़े 14 करोड़ रुपये कोर्ट में जमा करा देगी. कोर्ट पक्षकारों को उनके शेयर के हिसाब से बंटवारा कर देगा.