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उत्तर प्रदेश में ईवी चार्जिंग स्टेशनों का जाल बिछाने जा रही योगी सरकार, मिलेंगी ये सुविधाएं - EV CHARGING STATIONS NETWORK IN UP

राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों तथा शहरी क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशनों की होगी स्थापना. पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल का उपयोग करके स्थापित किये जाएंगे चार्जिंग स्टेशन.

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पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल से चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 10, 2024, 3:58 PM IST

लखनऊ: योगी सरकार राज्य में पर्यावरण के अनुकूल और स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा देने के लिए लगातार कई कदम उठा रही है. इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के उपयोग को प्रोत्साहित करने और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश नवीकरणीय और ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (यूपीआरईवी) की स्थापना की है. इसके तहत योगी सरकार प्रदेश में ईवी चार्जिंग स्टेशनों का जाल बिछाने जा रही है. यह पहल राज्य को एक हरित और ऊर्जा-कुशल भविष्य की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

ईवी चार्जिंग के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार करने पर जोर: योगी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों के विकास के लिए व्यापक योजना बनाई है. यूपीआरईवी के तहत, राज्य के प्रमुख शहरों, राष्ट्रीय-राज्य राजमार्गों और शहरी क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जाएगी. इसके लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल का उपयोग किया जाएगा, जिससे निजी निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में तेजी आएगी.

सरकार ने अन्य सरकारी विभागों के साथ मिलकर राज्य की भूमि को चार्जिंग स्टेशनों के लिए राइट टू यूज के आधार पर उपयोग करने की अनुमति दी है. इस पहल से राज्य के डिस्कॉम कार्यालयों, सब स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर ईवी चार्जिंग पॉइंट्स स्थापित किए जा रहे हैं.

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सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए टैरिफ को औसत लागत से भी कम रखा गया है. (Photo Credit- ETV Bharat)

नए ईवी टैरिफ से उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत: योगी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग के लिए बिजली दरों में भी संशोधन किया है. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (यूपीईआरसी) के नए आदेश के अनुसार, अब सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए टैरिफ को औसत लागत से भी कम रखा गया है.

इससे इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को किफायती दरों पर चार्जिंग की सुविधा मिलेगी, जिससे ईवी को अपनाने में तेजी आएगी. सरकार का लक्ष्य है कि ईवी चार्जिंग स्टेशनों के लिए बेहतर दरें निर्धारित की जाएं ताकि परिवहन क्षेत्र में हरित ऊर्जा का अधिक उपयोग हो सके. इस कदम से राज्य में ईवी उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है.

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राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों तथा शहरी क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशनों की होगी स्थापना. (Photo Credit- ETV Bharat)
पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन को मिलेगा बढ़ावा: ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ योगी सरकार का उद्देश्य न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखना है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित करना है. चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों, इंजीनियरों और स्थानीय लोगों को काम पर लगाया जा रहा है. इससे राज्य के युवाओं को रोजगार मिलेगा और आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा.

इसके अलावा, यूपीईआरवी के माध्यम से योगी सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना के तहत 2000 करोड़ रुपये की सब्सिडी का लाभ उठाने की योजना बना रही है, जिससे और अधिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जा सके.


ये भी पढ़ें- 'प्रोडक्शन हाउस ऑफ दंगाई एंड अपराधी'; PDA का नया नाम सीएम योगी ने बताया

लखनऊ: योगी सरकार राज्य में पर्यावरण के अनुकूल और स्वच्छ परिवहन को बढ़ावा देने के लिए लगातार कई कदम उठा रही है. इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के उपयोग को प्रोत्साहित करने और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के उद्देश्य से योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश नवीकरणीय और ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (यूपीआरईवी) की स्थापना की है. इसके तहत योगी सरकार प्रदेश में ईवी चार्जिंग स्टेशनों का जाल बिछाने जा रही है. यह पहल राज्य को एक हरित और ऊर्जा-कुशल भविष्य की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

ईवी चार्जिंग के लिए मजबूत बुनियादी ढांचा तैयार करने पर जोर: योगी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों के विकास के लिए व्यापक योजना बनाई है. यूपीआरईवी के तहत, राज्य के प्रमुख शहरों, राष्ट्रीय-राज्य राजमार्गों और शहरी क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जाएगी. इसके लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल का उपयोग किया जाएगा, जिससे निजी निवेश को आकर्षित करने में मदद मिलेगी और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में तेजी आएगी.

सरकार ने अन्य सरकारी विभागों के साथ मिलकर राज्य की भूमि को चार्जिंग स्टेशनों के लिए राइट टू यूज के आधार पर उपयोग करने की अनुमति दी है. इस पहल से राज्य के डिस्कॉम कार्यालयों, सब स्टेशनों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर ईवी चार्जिंग पॉइंट्स स्थापित किए जा रहे हैं.

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सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए टैरिफ को औसत लागत से भी कम रखा गया है. (Photo Credit- ETV Bharat)

नए ईवी टैरिफ से उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत: योगी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग के लिए बिजली दरों में भी संशोधन किया है. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग (यूपीईआरसी) के नए आदेश के अनुसार, अब सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए टैरिफ को औसत लागत से भी कम रखा गया है.

इससे इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को किफायती दरों पर चार्जिंग की सुविधा मिलेगी, जिससे ईवी को अपनाने में तेजी आएगी. सरकार का लक्ष्य है कि ईवी चार्जिंग स्टेशनों के लिए बेहतर दरें निर्धारित की जाएं ताकि परिवहन क्षेत्र में हरित ऊर्जा का अधिक उपयोग हो सके. इस कदम से राज्य में ईवी उपयोगकर्ताओं की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है.

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राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों तथा शहरी क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशनों की होगी स्थापना. (Photo Credit- ETV Bharat)
पर्यावरण संरक्षण और रोजगार सृजन को मिलेगा बढ़ावा: ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ योगी सरकार का उद्देश्य न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखना है, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित करना है. चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों, इंजीनियरों और स्थानीय लोगों को काम पर लगाया जा रहा है. इससे राज्य के युवाओं को रोजगार मिलेगा और आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा.

इसके अलावा, यूपीईआरवी के माध्यम से योगी सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना के तहत 2000 करोड़ रुपये की सब्सिडी का लाभ उठाने की योजना बना रही है, जिससे और अधिक चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना की जा सके.


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