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हिंदू बुनकर बुनाई तो मुस्लिम परिवार करते हैं सिलाई, तीर्थयात्रियों के लिए महाकाल की तर्ज पर गया में विष्णु चरण चिह्न का वस्त्र तैयार - Shri Vishnupad Temple

VISHNUPAD TEMPLE IN GAYA: बिहार के प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर में उज्जैन महाकाल की तर्ज पर भक्तों के लिए वस्त्र का निर्माण हो रहा है. अब मंदिर आने वाले भक्तों को विष्णु पदचिह्न वाला वस्त्र मिल सकेगा. इस वस्त्र के निर्माण में बिहार के हिन्दू और मुस्लिम दोनों मिशाल पेश कर रहे हैं. दोनों समुदाय मिलकर भक्तों के लिए वस्त्र निर्माण कर रहे हैं. जानें क्या है इस वस्त्र की खासियत?

गया में विष्णु पदचिह्न वाला वस्त्र का हो रहा निर्माण
गया में विष्णु पदचिह्न वाला वस्त्र का हो रहा निर्माण (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 7, 2024, 12:47 PM IST

Updated : Aug 7, 2024, 1:11 PM IST

गया में विष्णु पदचिह्न वाला वस्त्र का हो रहा निर्माण (ETV Bharat)

गया: मुहर्रम हो या ईद, दिवाली हो या होली, बिहार में कई ऐसे मौके आते हैं जब दो समुदाय मिलकर मिशाल पेश करते हैं. ऐसा ही एक नजारा गया में देखने को मिल रहा है. यहां दो समुदाय मिलकर भगवान विष्णु के भक्तों के लिए वस्त्र का निर्माण कर रहे हैं. उज्जैन महाकाल की तर्ज पर गया जी में विष्णु पद चिह्न वाला टी-शर्ट, कुर्ता और गमछा का निर्माण हो रहा है. मंदिर आने वाले भक्त इसे खरीद सकेंगे. वस्त्र के निर्माण की शुरुआत मानपुर स्थित पटवा टोली में बुनकरों के द्वारा की गई है. दिन-रात निर्माण चल रहा है.

बुनाई करते कर्मी (ETV Bharat)

नए रंग में दिखेंगे श्रद्धालुः गया में पितृपक्ष मेला लगता है. इस मेले में लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं. इसके अलावा विदेशों से भी तीर्थयात्री आते हैं. खास बात यह है कि बुनकर गया जी धाम और विष्णु पदचिह्न वाला वस्त्र बना रहे और प्रिंटिंग कर रहे तो मुस्लिम परिवार के लोग इसकी सिलाई कर कुर्ता और टी-शर्ट का निर्माण कर रहे हैं. गया में उज्जैन की तर्ज पर विष्णु धाम में भी वस्त्र का निर्माण से तीर्थ यात्रियों की आस्था बढ़ेगी. यहां के लोग आर्थिक रूप से मजबूत होंगे.

बुनाई के बाद छपाई करते कर्मी (ETV Bharat)

देश-विदेशों में प्रसिद्धि उद्देश्यः उज्जैन की तर्ज पर वस्त्र बनाने के पीछे का उद्देश्य है कि वहां की तरह गया जी के लिए भी लोग पूरे देश और विदेश में संदेश लेकर जाएं. यह शुरुआत पहली बार होगी. फिलहाल इसकी बिक्री शुरू नहीं हुई है लेकिन विष्णु पद छाप वाला शर्ट बनना शुरू हो गया है. आने वाले कुछ दिनों में इसकी बिक्री शुरू कर दी जाएगी. सैंकड़ों टी-शर्ट बनकर तैयार हो गए हैं. पितृपक्ष से पहले बिक्री की शुरुआत की जाएगी.

बुनाई के बाद तैयार कपड़ा (ETV Bharat)

मोहम्मद इम्तियाज करते हैं सिलाईः कपड़े की सिलाई करने वाले टेलर मास्टर मोहम्मद इम्तियाज हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें यह काम करने में कोई परेशानी नहीं है बल्कि उन्हें खुशी है कि उन्हें यह काम सौंपा गया है. उन्होंने कहा कि सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए. काम में कोई जाति धर्म नहीं देखना चाहिए. उन्होंने बताया कि भगवान विष्णु का पदचिह्न कपड़े पर छापे जा रहे हैं. इसके बाद उसकी सिलाई की जा रही है. मोहम्मद इम्तियाज के अलावा अन्य मुस्लिम लोग इस काम से जुड़े हैं.

"मुझे खुशी है कि विष्णु चरण की छाप वाले वस्त्र की सिलाई कर रहे हैं. यह सौभाग्य की बात है. हम मुस्लिम हैं लेकिन हम हर धर्म का आदर करते हैं. विष्णु चरण चिह्न की छाप वाले टी-शर्ट की सिलाई मेरे अलावा मोहम्मद सद्दाम, मोहम्मद इलियास के द्वारा की जा रही है जो कि हमारे सहयोगी हैं."-मोहम्मद इम्तियाज, टेलर मास्टर

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यहां से आया आइडियाः इस तरह के वस्त्र निर्माण का आइडिया उज्जैन महाकाल से आया. पटवा समाज के नेता गोपाल पटवा ने बताया कि बुनकर समाज के कई परिवार उज्जैन महाकाल गए थे. वहां उन्होंने देखा कि यहां भक्त महाकाल लिखा हुआ वस्त्र पहनते हैं. यह सालों भर सिलसिला चलता है. ऐसे में बुनकरों को विचार आया कि गया जी धाम में इस तरह की पहल होनी चाहिए ताकि यहां भी जो तीर्थयात्री आए वे विष्णु चरण की छाप वाले वस्त्र को पहनें. यह टीशर्ट पूरी तरह से सूती और आरामदेह होगा. इसे गया आने वाले तीर्थयात्री आराम से पहन सकेंगे.

"हम बुनकर उज्जैन गए थे. वहीं से ऐसा आइडिया आया. शुरुआत में एक लाख कपड़ा निर्माण करने का लक्ष्य है. इसकी बिक्री नो प्रॉफिट नो लॉस में की जाएगी. इस संबंध में जिला पदाधिकारी और सरकार को बुनकर समाज के द्वारा इस पहल की जानकारी दे दी गई है. यह भी मांग की गयी है कि आगामी महीने में होने वाले पितृपक्ष मेला में विष्णु चरण चिह्न की छाप वाले वस्त्र का स्टॉल बड़े पैमाने पर लगाने में सहयोग करें."-गोपाल पटवा, पटना समाज के नेता

बुनाई के बाद तैयार कपड़ा (ETV Bharat)

मोक्ष धाम है विष्णु पद मंदिरः बता दें कि गया सनातन धर्मावलंबियों के लिए प्राचीन धार्मिक नगरी है. यहां से करोड़ों सनातन धर्मावलंबियों की आस्था जुडी हुई है. गया जी को मोक्ष धाम कहा जाता है. यहां पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है. यही वजह है कि यह पितृपक्ष मेले में लाखों लोग आते हैं. पूरे साल तीर्थ यात्रियों का आवागमन जारी रहता है.

कपड़े की सिलाई करते टेलर मास्टर (ETV Bharat)

रोजगार के नए अवसरः गया का पटवा टोली वस्त्र उद्योग के लिए प्रसिद्ध है. यहां प्रतिदिन करोड़ों का व्यवसाय होता है. यहां के वस्त्र देश के तकरीबन दर्जन भर राज्यों में जाते हैं. ऐसे में इस पहल के बाद पटवा टोली के वस्त्र उद्योग में और तेजी आएगी और इसका सीधा लाभ बुनकरों को होगा. रोजगार के नए अवसर भी आएंगे.

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Last Updated : Aug 7, 2024, 1:11 PM IST

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