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चैल चौक मंडी में सैंकड़ों पेड़ काटने का मामला, हाई कोर्ट ने दिखाई सख्ती, दोषियों के खिलाफ एक्शन की मांगी रिपोर्ट - Himachal High Court - HIMACHAL HIGH COURT

High Court Strict on Chail Chowk Mandi cutting trees case: हिमाचल हाईकोर्ट ने मंडी जिले के चैल चौक में सैंकड़ों पेड़ काटने के मामले में सख्ती दिखाई है. मामले में कोर्ट ने दोषियों के खिलाफ एक्शन की रिपोर्ट मांगी है. पढ़िए पूरी खबर...

HIMACHAL HIGH COURT
हिमाचल हाईकोर्ट (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jul 11, 2024, 7:17 PM IST

शिमला: जिला मंडी के चैल चौक वन विश्राम गृह के समीप सैंकड़ों पेड़ काट कर एक बड़ा मैदान बनाने के मामले को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचन्द्र राव एवं न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने पूछा है कि पेड़ों के कटान के समय तैनात वन कर्मियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है? यह भी पूछा गया है कि जब पेड़ कट रहे थे तो वन विभाग ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि कैसे फॉरेस्ट रेस्ट हाउस के साथ का बहुत बड़ा भाग बिना वन विभाग की जानकारी के खाली कर दिया गया.

कोर्ट ने वन विभाग से पूछा है कि काटे गए पेड़ों की जगह फिर से नए पौधे क्यों नहीं लगाए गए हैं? कोर्ट ने सरकार से यह जानकारी स्टेट्स रिपोर्ट के माध्यम से देने के आदेश जारी किए. कोर्ट ने डीसी मंडी की रिपोर्ट का अवलोकन कर पाया कि दो व्यक्तियों पर कांगरी से वाइल्ड लाइफ रेस्ट हाउस शिकारी देवी सड़क को चौड़ा करने के लिए अनेकों पेड़ काटने के जुर्म में 3 लाख रुपए का जुर्माना और कुछ समझौता शुल्क वसूला गया है. इस पर हाईकोर्ट ने सरकार को वन संरक्षण के प्रति गंभीर रवैया अपनाने के आदेश दिए हैं. साथ ही वन विभाग को आदेश दिए कि वनों के अवैध कटान को हर हालत में रोके. पेड़ों के कटने के बाद मात्र जुर्माना वसूली से हालत नहीं सुधरेंगे. पेड़ कटने से पहले ही लोगों को रोकना होगा.

उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने नाचन जिला मंडी में पेड़ों के अवैध कटान की जांच के लिए कानूनी सेवा प्राधिकरण मंडी के सचिव सहित डीसी और एसपी मंडी की एक कमेटी गठित की थी. हाईकोर्ट ने स्थानीय निवासी राजू द्वारा मुख्य न्यायाधीश के नाम लिखे पत्र पर संज्ञान लिया है. जुलाई 2022 में लिखे पत्र में आरोप लगाया गया है कि पांच साल से अधिक समय से तैनात तत्कालीन डीएफओ नाचन के इशारे पर वन मंडल नाचन के कई वन क्षेत्रों में हजारों हरे पेड़ काटे गए हैं.

वन संरक्षण अधिनियम के तहत मंजूरी के बिना अत्यधिक घने जंगल से पेड़ों को काटकर अवैध रूप से सड़कों का निर्माण किया गया है. शिकारी देवी-दड़ रोड के लगभग 10 किलोमीटर के दायरे में सेंचुरी एरिया होने के बावजूद वन क्षेत्र नष्ट हो गया है. आरोप है कि तत्कालीन डीएफओ के इशारे पर रेस्ट हाउस से लगभग 100 मीटर की दूरी पर चैल चौक पर लगभग 500 हरे पेड़ों को नष्ट कर एक मैदान का निर्माण किया गया है. प्रार्थी ने वन और पर्यावरण विनाश एवं सरकारी संपदा को नष्ट होने से न बचाने के लिए तत्कालीन डीएफओ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. मामले पर सुनवाई 22 अगस्त को निर्धारित की गई है.

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