शिमला: बद्दी बरोटीवाला औद्योगिक क्षेत्र में भूजल प्रदूषण खतरनाक स्थिति में आ गया है. भूतल से 30 से 80 मीटर की गहराई में यह प्रदूषण पाया गया है. कोर्ट ने आईआईटी मंडी द्वारा इस क्षेत्र में भूजल प्रदूषण से जुड़ी रिपोर्ट को देखने के बाद पाया कि प्राकृतिक और औद्योगिक, दोनों प्रकार के स्रोतों से उत्पन्न होने वाले भूजल में भारी धातुओं और जियोजेनिक यूरेनियम के तत्व पाए गए हैं. इस तरह जल में कार्सिनोजेनिक रसायनों की उपस्थिति से मानवीय स्वास्थ्य को खतरा पैदा हो गया है.
मुख्य न्यायाधीश एम एस रामचंद्र राव और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आदेश दिए कि वह बद्दी बरोटीवाला औद्योगिक क्षेत्र में इस चिंताजनक भूजल प्रदूषण से निपटने के लिए प्रस्तावित कार्रवाई स्टेट्स रिपोर्ट के माध्यम से कोर्ट के समक्ष रखे. कोर्ट ने बीबीएनडीए को भी उक्त रिपोर्ट पर अपनी कार्रवाई से कोर्ट को अवगत कराने के आदेश दिए.
उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने प्रदेश सरकार को बीबीएन क्षेत्र में भूजल प्रदूषण की जांच आईआईटी मंडी से करवाने के आदेश दिए थे. इस मामले में हाईकोर्ट ने सोलन जिले के बद्दी में कॉमन एफफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता से कम दोहन किये जाने के मामले में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष सहित जिलाधीश सोलन, एसडीएम नालागढ़, सीईओ बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ विकास प्राधिकरण, प्रतिनिधि बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ इंडस्ट्रीस असोसियेशन व सीईओ बद्दी इनफ्रास्ट्रक्चर बद्दी टेक्निकल ट्रनिन्ग इन्स्टिट्यूट से स्टेट्स रिपोर्ट तलब की थी.