शिमला: हिमाचल में शिक्षा विभाग में डिप्टी डायरेक्टर्स के पदों को भरने के लिए निर्धारित किए गए कोटे को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने इस कोटे को भेदभाव वाला बताया है. साथ ही कहा है कि ये कोटा असंवैधानिक है. हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है. दरअसल, राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग में डिप्टी डायरेक्टर्स के पदों को भरने के लिए 60 प्रतिशत कोटा हेडमास्टर से प्रमोट होने वाले प्रिंसिपल्स के लिए तय किया था. इसके अलावा चालीस फीसदी कोटा लेक्चरर से प्रमोट हुए प्रिंसिपल्स के लिए रखा था. इसके बाद कोटे को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. लेक्चरर से प्रिंसिपल बनने वालों ने अपने कोटे में कटौती को भेदभाव वाला फैसला बताया था और इसे अदालत में चुनौती दी.
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने प्रार्थियों की याचिका को मंजूर करते हुए शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि वो सभी प्रिंसिपल्स की एक सामान्य सीनियोरिटी लिस्ट तैयार करे. अदालत ने आदेश दिए कि प्रिंसिपल्स की सीनियोरिटी उनके कैडर में शामिल होने की तिथि से निर्धारित की जाए. साथ ही इसी सीनियोरिटी लिस्ट से डिप्टी डायरेक्टर्स के पदों को भरने के लिए उनकी उम्मीदवारी के निर्धारण पर विचार किया जाए.