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हिमाचल में महसूस किए गए भूकंप के झटके, घरों से बाहर निकले लोग - EARTHQUAKE IN MANDI

हिमाचल के मंडी जिला में रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए. डिटेल में पढ़ें खबर...

मंडी में महसूस हुए भूकंप के झटके
मंडी में महसूस हुए भूकंप के झटके (कॉन्सेप्ट इमेज)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 23, 2025, 11:39 AM IST

Updated : Feb 23, 2025, 12:42 PM IST

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में रविवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई और इसका केंद्र सुंदरनगर के किआरगी क्षेत्र में स्थित था. यह झटके सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर महसूस किए गए जिनकी गहराई लगभग 7 किलोमीटर थी. भूकंप के झटके महसूस होते ही कुछ लोग घरों से बाहर निकल आए, हालांकि इसकी तीव्रता कम होने के कारण अधिकतर लोगों को इसका आभास नहीं हुआ.

जोन-5 में आते हैं हिमाचल के ये जिले

हिमाचल प्रदेश का चंबा, शिमला, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, कांगड़ा, किन्नौर और मंडी जिले भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन-5 में आते हैं, जहां अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं.

साल 1905 में आया था कांगड़ा का भूकंप

साल 1905 में कांगड़ा में आए भूकंप को हिमाचल प्रदेश के इतिहास में सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक माना जाता है. यह भूकंप 4 अप्रैल 1905 को सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर आया था और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 मापी गई थी.

भूकंप से हुई तबाही में करीब 20 हजार लोगों ने उस दौरान अपनी जान गंवाई थी. वहीं, 50 हजार से अधिकर घर नष्ट हो गए थे. उस दौरान कांगड़ा, धर्मशाला और आसपास के क्षेत्रों में भयंकर तबाही मची थी. भूकंप का केंद्र कांगड़ा घाटी में था, जिसके चलते वहां की ऐतिहासिक इमारतें और मंदिर भी क्षतिग्रस्त हो गए थे. भूकंप के झटकों से धरती फट गई थी और कई जगह भूस्खलन भी हुआ था.

इस भूकंप का प्रभाव

कांगड़ा और आसपास के क्षेत्रों में इस भूकंप का असर इतना गहरा था कि कई दशकों तक लोग इसकी भयावहता को नहीं भूल पाए. इस आपदा के बाद हिमाचल प्रदेश को भूकंप-प्रवण क्षेत्र घोषित किया गया और वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में भूकंप की गतिविधियों पर विशेष ध्यान देना शुरू किया.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में कम हुए राशन कार्ड, क्या आपका भी हुआ है ब्लॉक जानें वजह

मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में रविवार सुबह भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.7 मापी गई और इसका केंद्र सुंदरनगर के किआरगी क्षेत्र में स्थित था. यह झटके सुबह 8 बजकर 42 मिनट पर महसूस किए गए जिनकी गहराई लगभग 7 किलोमीटर थी. भूकंप के झटके महसूस होते ही कुछ लोग घरों से बाहर निकल आए, हालांकि इसकी तीव्रता कम होने के कारण अधिकतर लोगों को इसका आभास नहीं हुआ.

जोन-5 में आते हैं हिमाचल के ये जिले

हिमाचल प्रदेश का चंबा, शिमला, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, कांगड़ा, किन्नौर और मंडी जिले भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन-5 में आते हैं, जहां अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं.

साल 1905 में आया था कांगड़ा का भूकंप

साल 1905 में कांगड़ा में आए भूकंप को हिमाचल प्रदेश के इतिहास में सबसे विनाशकारी भूकंपों में से एक माना जाता है. यह भूकंप 4 अप्रैल 1905 को सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर आया था और इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.8 मापी गई थी.

भूकंप से हुई तबाही में करीब 20 हजार लोगों ने उस दौरान अपनी जान गंवाई थी. वहीं, 50 हजार से अधिकर घर नष्ट हो गए थे. उस दौरान कांगड़ा, धर्मशाला और आसपास के क्षेत्रों में भयंकर तबाही मची थी. भूकंप का केंद्र कांगड़ा घाटी में था, जिसके चलते वहां की ऐतिहासिक इमारतें और मंदिर भी क्षतिग्रस्त हो गए थे. भूकंप के झटकों से धरती फट गई थी और कई जगह भूस्खलन भी हुआ था.

इस भूकंप का प्रभाव

कांगड़ा और आसपास के क्षेत्रों में इस भूकंप का असर इतना गहरा था कि कई दशकों तक लोग इसकी भयावहता को नहीं भूल पाए. इस आपदा के बाद हिमाचल प्रदेश को भूकंप-प्रवण क्षेत्र घोषित किया गया और वैज्ञानिकों ने इस क्षेत्र में भूकंप की गतिविधियों पर विशेष ध्यान देना शुरू किया.

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Last Updated : Feb 23, 2025, 12:42 PM IST
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