शिमला: कांगड़ा जिले के विख्यात शहर धर्मशाला में सीवरेज लाइन बिछाने का काम दो साल में भी पूरा नहीं हुआ है. हाईकोर्ट ने इस मामले में विगत में प्रशासनिक मशीनरी को कई आदेश पारित किए हैं. अब हाईकोर्ट ने धर्मशाला नगर निगम क्षेत्र में सीवरेज लाइन बिछाने से जुड़े मामले में तहसीलदार को दो सप्ताह के भीतर डिमार्केशन कर अपनी रिपोर्ट निगम प्रशासन को सौंपने के आदेश जारी किए हैं. इस मामले में नगर निगम धर्मशाला ने कुछ लोगों की आपत्तियों के बाद राजस्व विभाग के समक्ष डिमार्केशन करने का आवेदन पेश किया था. हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति बीसी नेगी की खंडपीठ ने सीवरेज का कार्य शीघ्र पूरा करने को कहा है.
क्यों नहीं बिछाई गई अब तक सीवरेज लाइन
इस मामले में नगर निगम की ओर से अदालत को बताया गया कि सीवरेज लाइन बिछाने के कार्य में बाधा पैदा करने वाले भू-मालिकों को हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम,1994 की धारा-358 का प्रयोग करते हुए नोटिस जारी किए गए हैं. कोर्ट ने अब मामले की सुनवाई 24 दिसंबर को निर्धारित की है. उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट पूर्व में इस बात पर हैरानी जता कर चुका है कि धर्मशाला में सीवरेज लाइन बिछाने के लिए वर्ष 2022 में ठेकेदारों को काम सौंपा गया था, लेकिन यह आज तक पूरा नहीं हुआ है. सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य देखने वाले एसडीएम ने स्टेटस रिपोर्ट के माध्यम से कोर्ट को बताया था कि कुछ निजी जमीन मालिक अपनी भूमि अथवा मकान के गेट के भीतर से लाइन नहीं बिछाने दे रहे. वे नहीं चाहते कि उनकी भूमि से होकर सीवरेज पाइप दबाई जाए. इस कारण लाइन बिछाने का कार्य रुका हुआ है. इस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए नगर निगम धर्मशाला को उसकी कानूनी शक्तियां प्रयोग करने का आदेश जारी किया था. उसके बाद अपनी पावर्स को समझते हुए नगर निगम ने सीवरेज कार्य का विरोध करने वाले भूमि मालिकों को नोटिस जारी किए हैं.