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चमियाणा AIMSS के रास्ते से अतिक्रमण हटाएं, HC के आदेश - Himachal HC on Encroachment

शिमला के चमियाना में सौ करोड़ के सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल के लिए ढंग की सड़क तक नहीं है. हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के दिए आदेश.

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 5 hours ago

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Updated : 32 minutes ago

Himachal High Court
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट (ETV Bharat)

शिमला: राजधानी के उपनगर चमियाना में अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटी (एआईएमएसएस) तक जाने के लिए ढंग की सड़क तक नहीं है. यहां सुपर स्पेशिएलिटी डिपार्टमेंट्स की ओपीडी के संचालन पर हाईकोर्ट ने इसी लिए रोक लगाई थी कि एआईएमएसएस तक जाने के लिए अच्छी व चौड़ी सड़क नहीं है. अब हिमाचल हाईकोर्ट के सामने ये तथ्य आया है कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के कारण ये स्थितियां पैदा हुई हैं. इस पर हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए हैं कि जिन लोगों ने अतिक्रमण किया है, वे खुद ही 13 अक्टूबर तक इसे हटा दें. यानी हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के लिए 13 अक्टूबर तक का समय दिया है. हाईकोर्ट ने चमियाना-भट्टाकुफर (कमला नगर) संपर्क मार्ग के आसपास सरकारी जमीन पर किए गए अतिक्रमण को हर हाल में तय समय में हटाने को कहा है. साथ ही कहा कि इस कार्रवाई में कोई भी अदालत किसी तरह का दखल न दे.

अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट सख्त

न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने इसके बाद लोक निर्माण विभाग को एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के आदेश भी जारी किए हैं. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि लोक निर्माण विभाग की स्टेट्स रिपोर्ट आने के बाद सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण न हटाने वालों के खिलाफ उपयुक्त आदेश पारित करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी. खंडपीठ ने स्पष्ट किया है कि उक्त संपर्क मार्ग के आसपास सरकारी भूमि पर किए अवैध निर्माणों से जुड़े मामलों में प्रदेश की कोई भी अदालत और प्राधिकारी दखल न दे. अगर कोई इस कार्रवाई से खुद को पीड़ित समझता है तो वह सीधे हाईकोर्ट में इस मामले से जुड़ कर अपनी बात अदालत के समक्ष रखने के लिए स्वतंत्र है.

सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का नहीं मिल रहा लाभ

उल्लेखनीय है कि अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशलिटी चमियाना अस्पताल को शिमला शहर से जोड़ने के लिए संपर्क मार्ग की उचित और सुरक्षित व्यवस्था न होने के कारण हाईकोर्ट ने इस संस्थान में विभिन्न विभागों की ओपीडी के संचालन पर रोक लगा रखी है. हाईकोर्ट ने यह रोक लगाते हुए कहा था कि जब तक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल तक सड़क की मैटलिंग कर उसे पक्का नहीं कर लिया जाता और जब तक इस मार्ग को वाहन चलाने के लिए योग्य नहीं बना लिया जाता, तब तक आईजीएमसी अस्पताल शिमला में ही यह सारी ओपीडी लगेगी.

100 करोड़ के अस्पताल के लिए नहीं है सड़क

मामले पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि चमियाना सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण 100 करोड़ रुपए से अधिक की राशि खर्च कर किया गया है. इस अस्पताल में करोड़ों रुपए के स्वास्थ्य उपकरण स्थापित किए गए हैं. ये सारे उपकरण बिना उपयोग के पड़े हैं. इतने बेहतर निर्माण कार्य और मशीनरियों की उचित स्थापना के बावजूद मेडिकल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का संचालन केवल इस कारण नहीं हो पा रहा है, क्योंकि यहां तक पहुंचने के लिए उचित सड़क नहीं है.

हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश

इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि स्वास्थ्य के मामले में जनहित के उद्देश्य को पूरा करने के लिए उचित कनेक्टिविटी का होना जरूरी है. इसके लिए ऐसी सड़क का होना भी जरूरी है, जिससे कम से कम दो छोटे वाहन आमने-सामने से आते हुए आसानी से एक-दूसरे के पास दे सकें. सरकारी भूमि पर यदि अतिक्रमण के कारण मार्ग संकरा है और असुविधा हो रही है तो इसे सहन नहीं किया जा सकता. ऐसे में अतिक्रमण करने वाले खुद ही 13 अक्टूबर तक अवैध निर्माण को हटा दें, अन्यथा हाईकोर्ट उचित कार्रवाई करेगा.

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