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HRTC चालक परिचालक संघ ने सरकार को दी चक्का जाम की चेतावनी, रात्रि भत्ता सहित अन्य वित्तीय लाभ देने की रखी मांग - HRTC DRIVER CONDUCTOR UNION PROTEST

शिमला में एचआरटीसी चालक परिचालक संघ ने निगम और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. यूनियन ने रात्रि भत्ता व अन्य लाभ देने की मांग रखी.

HRTC चालक परिचालक संघ का प्रदर्शन
HRTC चालक परिचालक संघ का प्रदर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 21, 2025, 4:44 PM IST

शिमला: रात्रि भत्ता सहित अन्य वित्तीय लाभ न देने पर अब एचआरटीसी चालक परिचालक यूनियन ने सरकार और परिवहन निगम प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शुक्रवार को दोनों यूनियनों ने निगम मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने निगम और सरकार को 15 दिनों के भीतर चालक परिचालकों के सभी वित्तीय लाभ एक साथ अदा करने का अल्टीमेटम दिया. एचआरटीसी ड्राइवर एवं कंडक्टर यूनियन ने मिलकर एचआरटीसी मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और निगम प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं, इस दौरान ड्राइवर यूनियन एवं कंडक्टर यूनियन ने निगम प्रबंधन को चेतावनी देते हुए 15 दिनों का अल्टीमेट दिया.

ड्राइवर यूनियन के प्रधान मान सिंह ठाकुर ने कहा, "निगम प्रबंधन व सरकार चालक परिचालकों के वित्तीय लाभों को देने को लेकर सिर्फ घोषणा कर रही है. लेकिन वित्तीय लाभों की अदायगी नहीं कर रही है. ऐसे में निगम प्रबंधन को 15 अल्टीमेट दे दिया है. यदि 15 दिनों के भीतर प्रबंधन 65 महीनों के नाइट ओवर टाइम सहित अन्य वित्तीय लाभ जारी नहीं करता है तो 6 मार्च से यूनियन आंदोलन का रुख करेगी. इन आंदोलन में चालक परिचालक काम छोड़ो आंदोलन सहित चक्का जाम भी कर सकते हैं. जिसकी जिम्मेवारी सरकार व निगम प्रबंधन की होगी".

उन्होंने कहा कि निगम के चालक परिचालकों व कर्मचारियों को जहां 65 माह से नाइट ओवर टाइम नहीं मिला है. वहीं, डीए व एरियर की किस्त अभी तक जारी नहीं की गई है. 4 सितंबर 2014 का एरियर लाभ अभी तक नहीं दिया गया है. वहीं, 50 हजार की किस्त भी नहीं मिली है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 12 अक्टूबर को निगम के 50 वर्ष पूर्ण होने पर मंच से घोषणा की थी कि 59 करोड़ रुपए जारी किया जाएगा, जिसमें 50 करोड़ रुपए नाइट ओवर टाइम के रूप में दिसंबर में जारी किया जाएगा. लेकिन यह राशि जारी नहीं की गई है.

उन्होंने कहा जनवरी माह तक राशि जारी न होने पर भी यूनियन ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. इस पर उन्होंने कहा कि राशि जारी कर दी जाएगी. लेकिन इसके बावजूद भी निगम को कोई ग्रांट जारी नहीं की गई. इसके बाद भी यूनियन मुख्यमंत्री से मिली. लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. अब कर्मचारियों का सब्र का बांध टूटता जा रहा है. ऐसे में 15 दिनों का अल्टीमेटम जारी किया है, इसके बाद आंदोलन शुरू होगा.

ये भी पढ़ें: समग्र शिक्षा के तहत हिमाचल के 67 शिक्षक सिंगापुर के शैक्षणिक भ्रमण पर रवाना, इतने दिन का होगा टूर

शिमला: रात्रि भत्ता सहित अन्य वित्तीय लाभ न देने पर अब एचआरटीसी चालक परिचालक यूनियन ने सरकार और परिवहन निगम प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शुक्रवार को दोनों यूनियनों ने निगम मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने निगम और सरकार को 15 दिनों के भीतर चालक परिचालकों के सभी वित्तीय लाभ एक साथ अदा करने का अल्टीमेटम दिया. एचआरटीसी ड्राइवर एवं कंडक्टर यूनियन ने मिलकर एचआरटीसी मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और निगम प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. वहीं, इस दौरान ड्राइवर यूनियन एवं कंडक्टर यूनियन ने निगम प्रबंधन को चेतावनी देते हुए 15 दिनों का अल्टीमेट दिया.

ड्राइवर यूनियन के प्रधान मान सिंह ठाकुर ने कहा, "निगम प्रबंधन व सरकार चालक परिचालकों के वित्तीय लाभों को देने को लेकर सिर्फ घोषणा कर रही है. लेकिन वित्तीय लाभों की अदायगी नहीं कर रही है. ऐसे में निगम प्रबंधन को 15 अल्टीमेट दे दिया है. यदि 15 दिनों के भीतर प्रबंधन 65 महीनों के नाइट ओवर टाइम सहित अन्य वित्तीय लाभ जारी नहीं करता है तो 6 मार्च से यूनियन आंदोलन का रुख करेगी. इन आंदोलन में चालक परिचालक काम छोड़ो आंदोलन सहित चक्का जाम भी कर सकते हैं. जिसकी जिम्मेवारी सरकार व निगम प्रबंधन की होगी".

उन्होंने कहा कि निगम के चालक परिचालकों व कर्मचारियों को जहां 65 माह से नाइट ओवर टाइम नहीं मिला है. वहीं, डीए व एरियर की किस्त अभी तक जारी नहीं की गई है. 4 सितंबर 2014 का एरियर लाभ अभी तक नहीं दिया गया है. वहीं, 50 हजार की किस्त भी नहीं मिली है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 12 अक्टूबर को निगम के 50 वर्ष पूर्ण होने पर मंच से घोषणा की थी कि 59 करोड़ रुपए जारी किया जाएगा, जिसमें 50 करोड़ रुपए नाइट ओवर टाइम के रूप में दिसंबर में जारी किया जाएगा. लेकिन यह राशि जारी नहीं की गई है.

उन्होंने कहा जनवरी माह तक राशि जारी न होने पर भी यूनियन ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. इस पर उन्होंने कहा कि राशि जारी कर दी जाएगी. लेकिन इसके बावजूद भी निगम को कोई ग्रांट जारी नहीं की गई. इसके बाद भी यूनियन मुख्यमंत्री से मिली. लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. अब कर्मचारियों का सब्र का बांध टूटता जा रहा है. ऐसे में 15 दिनों का अल्टीमेटम जारी किया है, इसके बाद आंदोलन शुरू होगा.

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