शिमला: देश भर में पहली जुलाई से लागू हुए नए आपराधिक कानूनों के तहत दर्ज की गई पहली प्राथमिकी यानी एफआईआर में आरोपी बनाए गए व्यक्ति को कोर्ट ने जमानत दी है. ये जमानत हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदान की है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने आरोपी बलदेव सिंह को 25 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी.
इन मामलों में मिली जमानत
न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने उक्त रकम के निजी मुचलके पर आरोपी को रिहा करने का आदेश जारी किया. ये आरोप आईपीसी सुरक्षा संहिता-2023 के तहत नए आपराधिक कानूनों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की धारा 3(1)(आर) और 3(1)(एस) व भारतीय न्याय संहिता-2023 की धारा-352 और 351(2) के तहत दंडनीय कथित अपराध के लिए पहली जमानत है.
14 जुलाई को अगली सुनवाई
इस मामले में प्रार्थी बलदेव सिंह के खिलाफ पुलिस स्टेशन ज्वालामुखी जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश में पहली जुलाई को उपरोक्त आरोपों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी. मामले पर अगली सुनवाई 14 जुलाई को निर्धारित की गई है.
नए कानूनों के तहत हाईकोर्ट में पहली जमानत
यहां बता दें कि देश भर में पहली जुलाई से तीन नए आपराधिक कानूनों को अमल में लाते हुए पुराने कानूनों को खत्म कर दिया गया है. पुराने कानूनों में भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 30 जून तक लागू रहे. इन कानूनों के तहत चल रहे पुराने मामले पुराने कानून के तहत ही निपटाए जाने हैं. वहीं, नए कानूनों के तहत दर्ज होने वाले मामले नए संदर्भ में निपटाए जाने हैं. नए कानूनों के तहत दर्ज एफआईआर में हिमाचल प्रदेश में हाईकोर्ट की तरफ से मामले की सुनवाई के बाद ये पहली जमानत है.
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