हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / state

CPS मामला: सुखविंदर सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश पर की स्टे की मांग, कहा- सही नहीं था फैसला - CPS CASE IN SUPREME COURT

CPS मामले में हाईकोर्ट के आदेश के बाद सुखविंदर सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है. डिटेल में पढ़ें खबर...

सुप्रीम कोर्ट में CPS मामला
सुप्रीम कोर्ट में CPS मामला (फाइल फोटो)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 16, 2024, 8:13 PM IST

नई दिल्ली/शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार के 6 सीपीएस की नियुक्ति को रद्द करने के शिमला हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुखविंदर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. हाई कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार के 2006 के सीपीएस एक्ट को भी अमान्य घोषित कर दिया. सुखविंदर सरकार ने सीपीएम मामले में सुप्रीम कोर्ट में दायर की अपील में छह संसदीय सचिवों की नियुक्ति के लिए प्राधिकरण की मांग की है और कहा है कि हाई कोर्ट का सीपीएस की नियुक्ति को रद्द करने का आदेश सही नहीं था. ऐसे में हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग सुक्खू सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में की है.

बता दें कि बीते 13 नवंबर को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा छह मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति को रद्द कर दिया था और उस कानून को भी अमान्य घोषित कर दिया था जिसके तहत इन सीपीएस को नियुक्त किया गया था.

उच्च न्यायालय ने नियुक्ति को रद्द करते हुए यह भी निर्देश दिया था कि छह मुख्य संसदीय सचिवों की सभी सुविधाएं और विशेषाधिकार तत्काल प्रभाव से वापस ले लिए जाएं.

ये 6 विधायक थे सीपीएस

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंत्रिमंडल गठन से पहले 6 विधायकों को सीपीएस बनाया था. इनमें विधायक मोहन लाल ब्राक्टा, सुंदर सिंह ठाकुर, राम कुमार चौधरी, आशीष बुटेल, संजय अवस्थी और किशोरी लाल शामिल थे. बता दें कि हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना करते हुए प्रदेश सरकार ने सीपीएस के स्टाफ को हटाने सहित ऑफिस एकोमोडेशन के सभी आवंटन आदेश भी तुरंत प्रभाव से रद्द कर दिए थे.

ये भी पढ़ें:हाईकोर्ट के आदेश के बाद पद से हटे सुक्खू सरकार के 6 सीपीएस, ये सुविधाएं भी ली जाएंगी वापस

ABOUT THE AUTHOR

...view details