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राधास्वामी सत्संग ब्यास को राहत देने की कवायद, विधानसभा में पेश हुआ लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन का बिल - AMENDMENT IN LAND CEILING ACT

हिमाचल सरकार ने लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन से जुड़ा बिल पेश किया. बिल में लैंड सीलिंग एक्ट के सेक्शन-5 में संशोधन का प्रस्ताव है.

लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन से जुड़ा बिल पेश
लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन से जुड़ा बिल पेश (हिमाचल विधानसभा)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 6 hours ago

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के विंटर सेशन में बुधवार को पहले ही दिन सरकार ने लैंड सीलिंग एक्ट में संशोधन से जुड़ा बिल पेश किया. दि हिमाचल प्रदेश सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग्स एक्ट (अमेंडमेंट), 2024 को राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सदन के पटल पर रखा. बिल में लैंड सीलिंग एक्ट के सेक्शन पांच में संशोधन का प्रस्ताव है.

बिल में दर्ज किया गया है कि राधास्वामी सत्संग ब्यास एक ऐसा धार्मिक व आध्यात्मिक संगठन है, जो पूरे देश में अपने क्रियाकलाप चलाता है. राधास्वामी सत्संग ब्यास ने हिमाचल प्रदेश में नैतिक, आध्यात्मिक और धार्मिक शिक्षा के कई केंद्र स्थापित किए हैं.डेरा ब्यास जातिवाद, शराब व अन्य नशों के खिलाफ सक्रिय रूप से काम करता है.इसी संस्था ने हमीरपुर जिला के भोटा में एक अस्पताल चलाया हुआ है.ये धर्मार्थ अस्पताल है, जिसके माध्यम से अनेक लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाए मिल रही हैं.बिल में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश के लैंड सीलिंग एक्ट में उपरोक्त संस्था को सीलिंग की सीमा से अधिक जमीन रखने की छूट मिली हुई है.

आगे कहा गया है कि राधास्वामी सत्संग ब्यास ने हिमाचल सरकार से कई बार आग्रह किया है कि भोटा अस्पताल व जिस जमीन पर अस्पताल बना है, उसे सिस्टर आर्गेनाइजेशन महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी को हस्तांतरित किया जाए.डेरा ब्यास ने इसके पीछे तर्क दिया है कि अस्पताल के बेहतर संचालन के लिए हस्तांतरण की अनुमति दी जाए.

लैंड सीलिंग एक्ट की धारा-5 के खंड (झ) के तहत इस तरह की अनुमति नहीं मिल सकती.यह धारा व उसका खंड इस तरह के हस्तांतरण पर रोक लगाता है.ऐसे में जनहित में भोटा अस्पताल व जमीन को कुछ शर्तों के साथ राज्य सरकार की तरफ से अनुमति का उपबंध प्रस्तावित किया गया है.यानी डेरा ब्यास को भोटा अस्पताल की जमीन के हस्तांतरण की अनुमति कुछ शर्तों के साथ मिलेगी.इसके लिए पहले के अधिनियम में संशोधन करना जरूरी हो गया है.इसीलिए संशोधन को लेकर ये बिल सदन में लाया गया है.

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