शिमला: कर्ज में डूबी हिमाचल सरकार पर कर्मचारियों व अफसरों के डीए और संशोधित वेतनमान की तो भारी-भरकम देनदारी है ही, पेंशनर्स के वित्तीय लाभों के रूप में भी सरकार को करोड़ों रुपए चुकाने हैं. अकेले हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के रिटायर अफसरों और कर्मचारियों का ₹970.20 करोड़ के भुगतान का भार सरकार पर है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सेशन के पहले दिन ये जानकारी सामने आई. पांवटा साहिब से भाजपा विधायक सुखराम चौधरी ने हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के सेवानिवृत अफसरों व कर्मचारियों के पेंशन बकाया और अन्य लाभों की जानकारी मांगी थी.
सुखराम चौधरी के सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की तरफ से बताया गया कि कुल 28206 अफसरों व कर्मियों की 972.20 करोड़ रुपए की देनदारी है. मुख्यमंत्री की तरफ से आए लिखित जवाब में बताया गया कि धनराशि की उपलब्धता के अनुसार चरणबद्ध तरीके से पेंशन व अन्य मदों में भुगतान किया जा रहा है. ये पैसा पेंशन, अंतरिम राहत, लीव-एनकैशमेंट, ग्रेच्युटी आदि का है.
बैंकों में कितनी एफडीआर, सरकार जुटा रही सूचना:शाहपुर से कांग्रेस विधायक केवल सिंह पठानिया जानना चाहते थे कि राज्य सरकार की विभिन्न बैंकों में कितनी एफडीआर (फिक्स्ड डिपॉजिट रिसिप्ट) हैं. केवल सिंह पठानिया ने अपने सवाल में ये भी जानना चाहा था कि उन एफडीआर पर कितना ब्याज मिल रहा है और उनका नवीकरण कब-कब किया गया. जवाब में सरकार की तरफ से सिर्फ इतना कहा गया कि इस बारे में सूचना एकत्रित की जा रही है.