शिमला:हिमाचल में पेयजल और सिंचाई की विभिन्न परियोजनाओं के लिए केंद्र ने जल जीवन मिशन के तहत चालू वित्त वर्ष में 916.53 करोड़ रुपये आवंटित करने को स्वीकृति दी है, लेकिन चार महीने बीतने पर भी हिमाचल को अभी तक कोई धनराशि जारी नहीं हुई है. इस कारण प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं का कार्य प्रभावित हो रहा है. जिसका खामियाजा प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ सकता है.
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से मिले मुकेश अग्निहोत्री
ऐसे में आम जनता को लेकर समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल से मिलकर इस मामले को उठाया है. इस दौरान उन्होंने जल जीवन मिशन के तहत जल शक्ति विभाग को धनराशि जारी करने संबंधी विभिन्न विषयों पर भी चर्चा की है. उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल को अवगत करवाया कि केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत चालू वित्त वर्ष के लिए 916.53 करोड़ रुपये आवंटित करने को स्वीकृति दी है, लेकिन अब तक राज्य सरकार को कोई धनराशि जारी नहीं की गई है.
458.26 करोड़ जल्द जारी करने का आग्रह
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जल जीवन मिशन की पहली किश्त के पहले और दूसरे ट्रेंच की 458.26 करोड़ रुपये की राशि शीघ्र जारी करने का आग्रह किया. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों को बेहतर सिंचाई सुविधाएं प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि कुछ प्रमुख परियोजनाएं जिनमें फिना सिंह मध्यम सिंचाई परियोजना केंद्र सरकार के पास प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के तहत शामिल करने के लिए काफी समय से विचाराधीन है. इसके लिए करीब 282.47 करोड़ रुपये की धनराशि की आवश्यकता है. इसके अलावा, 120.79 करोड़ रुपये की बीत एरिया और कुटलैहड़ परियोजनाओं की मंजूरी प्रदान करने का आग्रह भी किया है.
कुल्लू मनाली में हुई प्राकृतिक आपदा का उठाया मुद्दा
पीएमकेएसवाई के तहत चल रही सिंचाई परियोजनाओं के लिए केंद्रीय सहायता जारी करने के मामले पर भी विस्तृत चर्चा की गई. उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने केंद्रीय मंत्री को अवगत करवाया कि पिछले साल प्रदेश को भारी बाढ़ और लैंडस्लाइड का सामना करना पड़ा था. इस दौरान सर्वाधिक नुकसान कुल्लू और मनाली क्षेत्र में हुआ. कुल्लू जिले में ब्यास नदी के किनारे विशेषरूप से पलचान और औट क्षेत्र के बीच बाढ़ नियंत्रण और प्रबंधन के लिए बाढ़ प्रबंधन और सीमा क्षेत्र कार्यक्रम के तहत धनराशि की आवश्यकता है. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल की बाढ़ के नुकसान और आवश्यक सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 2,300 करोड़ रुपये है.
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