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मानसून सत्र के पहले दिन ही विपक्ष का सदन में हंगामा, नियम 67 पर चर्चा न देने से विपक्ष ने किया वॉकआउट - Himachal Monsoon Session 2024

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 27, 2024, 1:50 PM IST

Himachal Assembly Monsoon Session 2024: हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने सदन में हंगामा किया और नारेबाजी करते हुए वॉकआउट किया. विपक्ष का कहना है कि सरकार कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है और इसे बिल्कुल नजरअंदाज कर रही है.

Himachal Assembly Monsoon Session 2024
विपक्ष ने सदन से किया वॉकआउट (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल मानसून सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने कड़े तेवर दिखा दिए हैं. विपक्ष ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद ही सदन में जमकर हंगामा किया. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में विधानसभा अध्यक्ष से प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा देने की मांग की, लेकिन इसकी अनुमति नहीं मिली. जिसके बाद विपक्ष द्वारा सदन में नारेबाजी शुरू की और सदन से वॉकआउट किया.

जयराम ठाकुर ने सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है. आए दिन घटनाएं सामने आ रही है, लेकिन प्रदेश सरकार अपराधों पर अंकुश लगाने में नाकाम हो रही है. उन्होंने कहा कि बीते दिन बद्दी में एक मारपीट का मामला सामने आए जहां पर 15 लोग लोगों ने तीन युवकों की डंडों से बेरहमी से पिटाई कर दी. जिसमें एक युवक की मौत हो गई है, जबकि दो गंभीर रूप से घायल है.

विपक्ष के विधायकों की प्रताड़ना का आरोप

जयराम ठाकुर ने कहा कि बिलासपुर कोर्ट परिसर में ही फायरिंग हुई, जहां पर एक व्यक्ति घायल हुआ था और उसमें एक पूर्व विधायक का बेटा शामिल था. ऐसी कई घटनाएं हैं, जो प्रदेश भर में हो रही है. शिमला के पुलिस थाने में ही कुछ युवक घुसकर पुलिस वालों के साथ मारपीट की. प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. सरकार ने कानून व्यवस्था के लिए पुलिस नहीं बल्कि किसी और चीज के लिए पुलिस को लगाया गया है. विपक्ष के विधायकों को प्रताड़ित करने और उनके फोन की रिकॉर्डिंग करने के लिए. यही नहीं चुने हुए विधायकों को चार-चार घंटे तक थानों में पूछताछ के बहाने प्रताड़ित किया जा रहा है.

चर्चा पर मनाही से किया वॉक आउट

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार प्रदेश कामों में पुलिस जवान न लगाकर कुछ विधायकों को जेड प्लस सुरक्षा दी गई है. यही नहीं पुलिस मुख्यालय में 25 के करीब अधिकारियों को रखा गया है, उन्हें बैठने तक को कुर्सी नहीं मिल रही है. इन सब मुद्दों को लेकर आज जब सदन में मामला उठाया गया तो मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि बद्दी वाला मामला चिट्टे से संबंधित मामला है और इस पर चर्चा देने से मना किया जा रहा है. जिसे प्रतीत होता है कि मुख्यमंत्री प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर नहीं है. सदन में इतने गंभीर मामले को लेकर चर्चा नहीं दी गई जिसके चलते उन्हें वॉकआउट करना पड़ा.

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