धर्मशाला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज धर्मशाला के ढगवार में 225 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाले अत्याधुनिक मिल्क प्लांट की आधारशिला रखी. ये 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) की प्रारंभिक क्षमता वाला एक स्वचालित दूध प्रसंस्करण संयंत्र होगा, बाद में इसकी क्षमता को 3 लाख लीटर प्रतिदिन (एलएलपीडी) तक बढ़ाया जा सकता है. ढगवार में बनने जा रहे इस मिल्क प्लांट से दूध उत्पादकों और पशु पालकों काफी फायदा मिलेगा.
उद्घाटन के बाद सीएम सुक्खू ने कहा कि 'जब से हमारी सरकार बनी है हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए नई-नई योजनाओं और तकनीक पर काम कर रहे हैं. एक साल पहले ढगवार मिल्क प्लांट को वर्ल्ड क्लास प्रोसेसिंग मिल्क प्लांट बनाने की कवायद शुरू की थी. इसके लिए कई बैठकों का दौर चला. बैठक के बाद एनडीडीबी से समझौता किया था. आज इस प्लांट का 20 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, अगले साल इसका उद्घाटन किया जाएगा.'
सीएम सुक्खू ने कहा कि, 'ये मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट दूध, टोंड दूध, डबल टोंड दूध, फ्लेवर्ड दूध, दही, पनीर, लस्सी, खोआ और मोजेरेला चीज सहित मूल्यवर्धित डेयरी उत्पादों का उत्पादन करेगा. ढगवार स्थित दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र के स्तरोन्नयन से दूध की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन प्रणाली सुदृढ़ होगी. इस प्लांट वर्ल्ड क्लास पैकेजिंग सुविधा मिलेगी. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.'
इस मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट से दूध उत्पादकों और पशु पालकों को लाभ मिलेगा. इस संयंत्र के लिए दूध की खरीद प्रमुखतः चार जिलों कांगड़ा, ऊना, चंबा और हमीरपुर पर केंद्रित होगी, जिससे लगभग आधा हिमाचल प्रत्यक्ष रूप से लाभांवित होगा. दूध के संग्रहण के लिए जिला कांगड़ा सहित अन्य जिलों में भी सहकारी समितियों के गठन पर जोर दिया जा रहा है. प्लांट के तैयार होने के बाद हिमाचल प्रदेश मिल्क फेडरेशन इस दूध प्रसंस्करण प्लांट का संचालन करेगा. पशुपालकों को इस अत्याधुनिक मिल्क प्लांट का लाभ मिलेगा. दूध का कारोबार करने वाली सहकारी सभाओं की आर्थिकी भी मजबूत होगी.