बाड़मेर: जिला कलेक्टर टीना डाबी के द्वारा शुरू किए गए 'नवो बाड़मेर अभियान' के तहत नगर परिषद ने डोर टू डोर कचरा संग्रहण को हाईटेक बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए घर-घर पर रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) स्मार्ट कार्ड लगाने का कार्य शुरू कर दिया है. इससे प्रत्येक घर में करीब 10 मिनट पहले कचरा संग्रहण के लिए वाहन पहुंचने की सूचना मिल जाएगी. आरएफआईडी लगाने की शुरूआत शुरुआत वार्ड नंबर 1 रेलवे कुआं नंबर 3 से की गई है.
स्थानीय लोगों ने जिला कलेक्टर टीना डाबी द्वारा बाड़मेर शहर में शुरू किए गए नवो बाड़मेर अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस अभियान के बाद से शहर की सूरत बदल गई है. शहर में साफ-सफाई के साथ सौंदर्यकरण के लिए वृहद स्तर पर कार्य चल रहा है, जो काबिले तारीफ है. पहले कचरा संग्रहण के लिए गाड़ी नहीं आती थी, लेकिन अब आ रही है. उन्होंने बताया कि अब घर-घर स्मार्ट कार्ड लगाए हैं, जिससे मैसेज के जरिए जानकारी मिलेगी. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में डोर टू डोर कचरा संग्रहण की व्यवस्था बेहतरीन होगी.
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जिला कलेक्टर टीना डाबी के मुताबिक कई बार कचरा संग्रहण वाहन के नहीं आने अथवा जल्दी चले जाने के कारण कचरा बाहर फेंक दिया जाता है. ऐसे में शहर में काफी गदंगी फैल जाती है. ऐसे में इस समस्या के समाधान के लिए बाड़मेर शहर में कचरा संग्रहण के लिए ऑनलाइन हाइटेक सफाई-व्यवस्था की कार्य योजना तैयार की गई है. इसे प्रत्येक घर में करीब 10 मिनट पूर्व कचरा संग्रहण के लिए वाहन पहुंचने की सूचना मिल जाएगी.
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नगर परिषद के आयुक्त विजय प्रताप सिंह ने बताया कि डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए घर-घर स्मार्ट कार्ड लगाने का काम दो-तीन वार्डों में चल रहा है. प्रत्येक घर में कार्ड लगाने में 3 माह से ज्यादा का समय लगेगा. बता दें कि अब कचरा संग्रहण वाली गाड़ी के साथ में गाड़ी का सुपरवाइजर भी साथ चलेगा. वह स्मार्ट कार्ड को स्कैन करेगा. जिससे उसे घर का डाटा नगर परिषद में आएगा कि कचरा संग्रहण कि गाड़ी उसे घर पर कचरा लेने गई या नहीं. ताकि प्रत्येक घर से कचरा संग्रहित की मॉनिटरिंग की जा सके.