वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार को क्यों लगाई फटकार
High security number plate MP : वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट व हेलमेट-सीट बेल्ट की अनिर्वायता सुनिश्चित करने के संबंध में कार्रवाई का ब्यौरा सरकार ने मध्यप्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर में पेश किया. इस रिपोर्ट को लेकर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई है.
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के मामले में हाईकोर्ट सख्त
जबलपुर।हाईकोर्ट जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विषाल मिश्रा की युगलपीठ ने परिवहन विभाग पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अपने आदेश में कहा कि सिर्फ कागजी ब्यौरा पेश किया जा रहा है. धरातल में कोई कार्रवाई दिखाई नहीं दे रही है. अभी तक सरकारी वाहनों तक में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट नहीं लगी है. बता दें कि विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की तरफ से सड़क दुर्घटना में हुई दो व्यक्तियों की मौत का हवाला देते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. चीफ जस्टिस के निर्देश पर उक्त याचिका सुनवाई के लिए मुख्य पीठ में स्थानांतरित की गयी है.
याचिका में ये कहा
याचिका में कहा गया है कि दुर्घटना के समय दो पहिया वाहन चालक हेलमेट लगाए होते तो उनकी मौत नहीं होती. अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है. सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिर्वायता के संबंध में आदेश जारी किये हैं. मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है. चौपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाना तथा वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना भी आवश्यक है. इसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है.
कोर्ट ने दिया था 6 माह का समय
याचिका में कहा गया है कि मोटर व्हीकल एक्ट में दिये गये प्रावधानों का सख्ती से पालन किया जाये तो सड़क दुर्घटना में मौतों के ग्राफ में कमी आयेगी. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन निश्चित तौर पर किया जाने के आदेश जारी किए थे। आदेश का पालन नहीं होने पर युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी. सरकार के आग्रह पर वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट, हेलमेट तथा सीट बेल्ट की अनिर्वायता के लिए हाईकोर्ट ने 6 माह का समय प्रदान किया था.
निर्धारित समय सीमा में आदेश का परिपालन नहीं होने के कारण हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त तथा एडीजीपी पुलिस मुख्यालय को तलब करते हुए अवमानना के संबंध में शोकॉज नोटिस जारी किये थे. याचिका पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि तकनीकी संसाधन, आधारभूत संरचना, प्रचार प्रसार सहित अन्य माध्यमों से मोटर व्हीकल एक्त का परिपालन सुनिश्चित करने कार्रवाई जारी है. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के समक्ष डेटा भी पेश किया गया. शोकॉज नोटिस पर जवाब पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया गया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अवधेश तोमर ने बताया कि युगलपीठ ने कार्रवाई पर तल्ख टिप्पणी की. अब अगली सुनवाई 6 फरवरी को निर्धारित की गई है.