नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा के दौरान राष्ट्रगान गाने का दबाव बनाने के लिए पांच युवकों की पिटाई करने के मामले में दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि वो फोरेंसिक रिपोर्ट के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं कर सकती है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी की बेंच ने अगली सुनवाई 3 अप्रैल को इन-चैंबर करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने कहा कि नेशनल फोरेंसिक सायंस यूनिवर्सिटी गुजरात के यहां से कुछ वीडियो फुटेज की फोरेंसिक रिपोर्ट आने बाकी हैं. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट गुजरात में चल रही फोरेंसिक जांच पर रोक लगा सकती है. रिपोर्ट के लिए अंतहीन इंतजार नहीं कर सकती है. इसके लिए कुछ समय तय होना चाहिए. फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार पिछले दस महीने से किया जा रहा है, आखिर ये इंतजार कब खत्म होगा? पहले दिल्ली से फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था और अब गुजरात से.
लचर जांच के लिए भी लग चुकी है फटकारःइसके पहले कोर्ट ने युवकों की पिटाई करने वाले पुलिसकर्मियों की पहचान कर जांच करने के मामले में लचर जांच पर दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने कहा था कि युवक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट की संख्या हिरासत में लिए जाते समय बने एमएलसी में दर्ज चोट की संख्या से कैसे बढ़ गए. इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट न तो कोर्ट में दाखिल की गई है और न ही पुलिस के पास है.
कोर्ट ने कहा था कि पुलिस जांच रिपोर्ट में कई गड़बड़ियां है. पांच युवकों में एक की मौत हो गई, लेकिन चार तो जिंदा हैं. क्या जिंदा बचे युवकों से उन पुलिसकर्मियों की पहचान कराई गई. आप पूरी दुनिया की जांच करेंगे, लेकिन चश्मदीद गवाह से कोई पूछताछ नहीं करेंगे. आपने उन चार युवकों का बयान दर्ज करने की जहमत तक नहीं उठाई. ये किस किस्म की जांच है?