नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने ग्रीन बेल्ट में पेड़ों के दो मीटर की दूरी में कोई भी निर्माण कार्य बिना अनुमति के नहीं करने के आदेश का पालन नहीं करने पर मिलिटरी इंजीनियर सर्विसेज (एमईएस) को फटकार लगाई है. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने कहा कि एमईएस के अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्यवाही क्यों नहीं शुरु की जाए .
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को दिल्ली कैंटोंमेंट के स्टेशन रोड पर स्थित ग्रीन बेल्ट में खुदाई के काम के फोटो दिखाए गए. तब कोर्ट ने कहा कि फोटो में साफ दिख रहा है कि उसके आदेश का खुलेआम उल्लंघन किया गया है. खुदाई करते समय पेड़ों की जड़ों को भी काटा गया और इस बात का ख्याल नहीं रखा गया कि कोर्ट ने पेड़ के दो मीटर की दूरी में बिना अनुमति निर्माण कार्य नहीं करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि अब संबंधित निर्माण स्थल पर कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए कोई निर्माण कार्य नहीं होगा. कोर्ट ने ट्री अफसर और एसएचओ को निर्देश दिया कि वो इसके खिलाफ कार्रवाई करें. कोर्ट ने एसएचओ और ट्री अफसर की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने शिकायत मिलते ही कार्रवाई की और निर्माण स्थल पर काम रुकवा दिया.
सुनवाई के दौरान इस मामले में नियुक्त कोर्ट कमिश्नर और वकील आदित्य एन प्रसाद ने कहा कि एमईएस की ओऱ से किए गए निर्माण कार्य के दौरान जिन पेड़ों को नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिए पेड़ लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली कैंटोंमेंट इलाके में 2023 में 180 पेड़ लगाए गए हैं. बता दें कि 29 जनवरी को हाईकोर्ट ने कहा था कि किसी भी पेड़ के दो मीटर के दायर में निर्माण कार्य करने से पहले ट्री अफसर से अनुमति लेनी होगी.
बता दें कि 3 नवंबर 2023 को हाईकोर्ट ने दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने पर चिंता जताई थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि क्या आप चाहते हैं कि लोग गैस चैंबरों में रहें. हाईकोर्ट ने एक्यूआई के बढ़ते स्तर पर वन विभाग को फटकार लगाई. हाईकोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के नागरिक आज वायु प्रदूषण के कारण जिस परेशानी में हैं, उसके लिए आप जिम्मेदार हैं. हाईकोर्ट ने कहा था कि वन अधिकारियों में संवेदनशीलता की कमी है.