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पुरानी छिपाकर नई याचिका दाखिल करना पड़ा महंगा, हाईकोर्ट ने लगाया 25 हजार का हर्जाना - याची पर 25 हजार हर्जाना

एक याची पर पुरानी याचिका की जानकारी छिपाकर (hiding information of old petition) नई याचिका दाखिल करना महंगा पड़ गया है. हाईकोर्ट ने याची पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 16, 2024, 10:13 PM IST


लखनऊ:हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक ही अनुतोष प्राप्त करने के लिए पुरानी याचिका को छिपाकर दोबारा याचिका दाखिल करने के मामले में सख्त रुख अपनाते हुए याची पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है. न्यायालय ने अपनी टिप्पणी में कहा है कि यह मामला ‘फोरम शॉपिंग’ (अपनी पसंद का आदेश प्राप्त करने के लिए किसी विशेष बेंच में मामले की सुनवाई कराने का प्रयास) का एक उदाहरण है. न्यायालय ने लखनऊ बेंच के वरिष्ठ निबंधक को आदेश दिया कि यदि हर्जाने की रकम 30 दिनों में जमा नहीं की जाती तो आरसी जारी करते हुए सम्बंधित कलेक्टर के द्वारा वसूली करवाई जाए. न्यायालय ने हर्जाने की रकम को महिला और बाल विकास विभाग द्वारा संचालित बालिका गृह लखनऊ को देने के भी आदेश दिए हैं.

यह आदेश न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने डॉ. फैसल खान और एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया. याचियों की ओर से उनके खिलाफ कोतवाली, बाराबंकी में धोखाधड़ी, कूटरचना और अन्य आरोपों को लेकर दर्ज एफआईआर को चुनौती दी गई थी. मामले की सुनवाई के दौरान याचिका की पोषणीयता के प्रश्न पर याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत चंद्रा ने दलील दी कि सीआरपीसी की धारा 482 के तहत एफआईआर को निरस्त किया जा सकता है.

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वहीं, अपर शासकीय अधिवक्ता अमित कुमार द्विवेदी और वादी के अधिवक्ता अविनाश चंद्रा ने न्यायालय को बताया कि वर्तमान याचिका के पूर्व याची की ओर से इसी एफआईआर को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका दाखिल की गई थी. जिसे याचियों द्वारा वापस भी ले लिया गया. कहा गया कि वर्तमान याचिका इस तथ्य को छिपाते हुए दाखिल की गई है. इस पर याचियों की ओर से कहा गया कि उनके पूर्व अधिवक्ता ने बिना उनके निर्देश के ही उक्त याचिका दाखिल कर दिया था. हालांकि न्यायालय उनके इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुई.


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