प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नगर निगमों एवं नगर पालिका परिषदों में कार्यरत राजस्व निरीक्षकों को उनके भूतपूर्व सैनिक के रूप में की गई सेवा जोड़ते हुए वेतन निर्धारित करने के मामले में निर्णय लेने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने विभिन्न नगर निगमों एवं नगर पालिका परिषदों में कार्यरत राजस्व निरीक्षक धर्मवीर सिंह, रोशन लाल, सुनील सिंह, विजय सिंह की याचिकाओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम एवं एडवोकेट अतिप्रिया गौतम को सुनकर दिया है.
हाईकोर्ट ने निकायों के राजस्व निरीक्षकों पूर्व सेवाएं जोड़ने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया - Allahabad High court
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नगर निगम और पालिका में कार्यरत राजस्व निरीक्षकों को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने राजस्व निरीक्षकों पूर्व सेवाएं जोड़ने पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है.
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Apr 8, 2024, 10:00 PM IST
वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम एवं अधिवक्ता अतिप्रिया गौतम का कहना था कि सिविल सर्विस रेगुलेशन के प्रस्तर 422 एवं 526 में स्पष्ट प्रावधान है कि भूतपूर्व सैनिकों की सेवा अवधि को वर्तमान सेवा में जोड़ा जाएगा. उनका वेतन सेना से रिटायर होने की तिथि को प्राप्त अंतिम मूल वेतन के आधार पर निर्धारित किया जाएगा. याची नगर निगम गाजियाबाद एवं मुरादाबाद, नगर पालिका परिषद हापुड़ एवं पीलीभीत में राजस्व निरीक्षक के पद पर वर्ष 2017 में नियुक्त हुए थे. याचियों की नियुक्ति भूतपूर्व सैनिक कोटे में की गई थी. याची भारतीय सेना एवं वायु सेना में 15 वर्षों से ज्यादा समय तक कार्य करने के बाद सेवानिवृत्त हुए थे. इसके बाद वे नगर निगम एवं नगर पालिका परिषदों में राजस्व निरीक्षक के पद पर नियुक्त हुए. इनकी भारतीय सेना एवं वायु सेना की सेवा अवधि को वर्तमान सेवा में नहीं जोड़ा जा रहा है.
वरिष्ठ अधिवक्ता गौतम का कहना था कि 26 अगस्त 1977, 26 मार्च 1980, 22 मार्च 1991, सात नवंबर 2014 एवं 17 जून 2021 के शासनादेशों में स्पष्ट प्रावधान है कि सैन्यकर्मियों की पूर्व सेवाओं को सिविल सर्विस रेगुलेशन के प्रस्तर 422 एवं 526 के तहत सैन्य सेवा जोड़ने के लिए दी गई व्यवस्था के अनुसार सेवा में जोड़ा जाएगा. श्री गौतम ने कहा कि हाईकोर्ट ने हंस नाथ द्विवेदी एवं हरिचंद के केस में यह विधि व्यवस्था प्रतिपादित की है कि सैन्यकर्मियों की पूर्व सेवाओं को सिविल सर्विस रेगुलेशन के प्रस्तर 422 एवं 526 के तहत सैन्य सेवा जोड़ने की व्यवस्था के अनुसार सेवा में जोड़ा जाएगा.