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होली है..! जानिए कैसे तैयार होता है गया में हर्बल गुलाल, जो विदेशों तक मचा रहा है धमाल

Herbal Gulal: होली का त्योहार नजदीक आ रहा है और इसके साथ ही बाजार रंग-गुलाल से गुलजार होने लगे हैं, लेकिन बाजार में बिकनेवाले नकली रंग कहीं आपकी खुशियों में खलल न डाल दे. इसलिए केमिकल वाले रंग-गुलाल से बचिये और खरीदिए हर्बल गुलाल जो विदेशों तक धमाल मचा रहा है.क्या है हर्बल गुलाल और कैसे होता है तैयार ? चलिए हम आपको बताते हैं,

हर्बल गुलाल
हर्बल गुलाल

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 15, 2024, 6:11 AM IST

हर्बल गुलाल

गयाःहोली एक ऐसा त्योहार है जिसमें बड़े-छोटों का भेद मिट जाता है तो गिले-शिकवे भूलकर दुश्मन भी गले मिल जाते हैं.रंग-गुलाल से धरती-आसमान लाल हो जाते हैं और ढोल-झाल की ताल पर जमकर धमाल होता है. त्योहार के बाद भी आपकी खुशियां बरकरार रहे इसके लिए जरूरी है कि केमिकल मिले रंग-गुलाल से बचा जाए. ऐसे में गया में तैयार हो रहाहर्बल गुलालआपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, जिसकी डिमांड अब विदेशों में भी हो रही है.

सब्जियों के पत्ते और फूलों से तैयार होता है गुलाल: प्रकृति का श्रृंगार कहे जानेवाले होली के त्योहार को हर्बल रंग-गुलाल का उपहार देकर गया के ढुंगेश्वरी लारपुर की महिलाओं ने इसे और रंगीन बना दिया है. बाजार में बिक रहे केमिकल भरे रंग-गुलाल की जगह सब्जियों की पत्तियों और फूलों से तैयार ये हर्बल गुलाल वाकई कमाल का है.पालक के पत्ते, सेम के पत्ते, पलाश के फूल, गेंदे के फूल और गुलाब के फूल से तैयार हो रहा ये हर्बल गुलाल विदेशों तक धमाल मचा रहा है.

हर्बल गुलाल

कैसे तैयार होता है हर्बल गुलाल ?: हर्बल गुलाल बनानेवाली मुन्नी देवी बताती हैं कि " हर्बल गुलाल बनाने के लिए सब्जियों के पत्तियों या फिर फूलों को उबालकर उसमें अररोट मिलाकर गूंथा जाता है और फिर मिश्रण को सूखने के लिए धूप में डाल देते हैं. जब मिश्रण सूख जाता है, तो पलवलाइजर मशीन में डाल देते हैं और फिर निकलता है पूरी तरह से प्राकृतिक हर्बल गुलाल."

हर्बल गुलाल

अलग-अलग रंगों के लिए अलग-अलग चीजों का इस्तेमाल:हर्बल गुलाल बनानेवाली महिलाएं बताती हैं कि "वे कई रंगों के गुलाल तैयार करती हैं. हरे गुलाल के लिए पालक और सेम के पत्तों का इस्तेमाल होता है तो पीले गुलाल के लिए गेंदे का फूल इस्तेमाल किया जाता है. इसी तरह लाल गुलाल के लिए पलाश के फूल और गुलाबी के लिए गुलाब के फूलों का इस्तेमाल किया जाता है.गुलाल को सुगंधित बनाने के लिए उसमें थोड़ा चेहरे पर लगाने वाला पाउडर मिलाया जाता है, जो सत्यापित ब्रांडेड कंपनी का होता है."

हर्बल गुलाल बनाती महिलाएं

ढुंगेश्वरी लारपुर की पहचान बना हर्बल गुलाल:हर्बल गुलाल बनाने का ये उद्योग अब ढुंगेश्वरी लारपुर की पहचान तो बन ही गया है इलाके की महिलाओं की जीविका का साधन भी बन गया है.पिछले कई महीनों से महिलाएं गुलाल तैयार कर बाजार में सप्लाई कर रही हैं, जिससे अच्छी कमाई हो रही है.होली के नजदीक होने के कारण तो डिमांड इतनी बढ़ गयी है कि महिलाओं को दिन-रात काम करना पड़ रहा है.

हर्बल गुलाल

विदेशों में भी धमाल मचा रहा हर्बल गुलाल: ढुंगेश्वरी लारपुर में तैयार हो रहा हर्बल गुलाल की मांग पूरे भारत में तो है ही, विदेशों में भी इसकी जबरदस्त डिमांड है. पिछले साल यह हर्बल गुलाल दिल्ली स्थित अमेरिका एंंबेसी के माध्यम से अमेरिका तक गया था. वहां रहने वाले भारतीयों की यह पहली पसंद है.इस बार भी इसे अमेरिका सहित कई दूसरे देशों में सप्लाई की तैयारी चल रही है.

हर्बल गुलाल बनाती महिलाएं

प्रेरणा संस्था से मिली है ट्रेनिंग:गया के ढुंगेश्वरी लारपुर की महिलाओं को हर्बल गुलाल बनाने की ट्रेनिंग वन विभाग की सहयोगी संस्था 'प्रेरणा' से मिली है. बता दें कि क्लाइमेट चेंज को लेकर एग्रीमेंट के तहत भारत और अमेरिकी सरकार वन बचाने की योजना पर काम कर रही हैं. ऐसे में जंगली क्षेत्र से जुड़े लोगों को रोजगारपरक ट्रेनिंग दी जा रही है.

हर्बल गुलाल

केमिकल से बचिये, हर्बल को अपनाइये:होली को लेकर बाजार में कई तरह के केमिकल युक्त रंग-गुलाल बिक रहे हैं. रंगों में मिले केमिकल के इस्तेमाल से आंखों और स्किन में एलर्जी के साथ-साथ सांस लेने में दिक्कत जैसी गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं. ऐसे में आपके लिए हर्बल गुलाल बेहतर हो सकता है तो केमिकल से बचिये, हर्बल अपनाइये और होली की खुशियां जमकर मनाइये !

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