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हेमंत सोरेन अकेले लेंगे शपथ! गठबंधन हित में फैसला - HEMANT SOREN SWEARING IN CEREMONY

28 नवंबर को हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. गुलाम अहमद मीर ने इस बात को साफ कर दिया है.

HEMANT SOREN SWEARING IN CEREMONY
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 27, 2024, 1:33 PM IST

Updated : Nov 27, 2024, 3:47 PM IST

रांचीः हेमंत सोरेन चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. उनके नेतृत्व की बदौलत इंडिया गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 81 में से 56 सीटों पर जीत हासिल की है. लिहाजा, समारोह को मेगा शो के रूप में प्रोजेक्ट करने की तैयारी की गई है. 28 नवंबर की शाम 4:00 बजे रांची के ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह होगा. हेमंत सोरेन को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे. इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल, तेजस्वी यादव के अलावा कई गणमान्य आने वाले हैं.

गुलाम अहमद मीर का बयान (ईटीवी भारत)

अकेले सीएम पद की शपथ लेने की वजह :अभी तक आधिकारिक रूप से कैबिनेट का आकार तय नहीं हो पाया है. इसलिए हेमंत सोरेन अकेले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ लें. क्योंकि गठबंधन के सहयोगियों को संतुष्ट रखना उनकी जिम्मेदारी है. हेमंत सोरेन इस फार्मूले को पहले भी अप्लाई कर चुके हैं. जेल से बाहर आने के बाद 4 जुलाई 2024 को उन्होंने अकेले ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उन्होंने फ्लोर टेस्ट के बाद कैबिनेट का विस्तार किया था. इस बार इंडिया एलाइंस को ग्रैंड विक्ट्री मिली है. समारोह को यादगार बनाने के लिए ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह होना है. इसलिए हेमंत सोरेन चाहेंगे कि शपथ ग्रहण समारोह के दौरान एकजुटता में कोई कमी ना दिखे.

जानकारी देते जेएमएम नेता (ईटीवी भारत)

सीट शेयरिंग फार्मूला नहीं हुआ है सार्वजनिक :हेमंत सोरेन के अकेले सीएम पद की शपथ लेने की संभावना के पीछे की एक और बड़ी वजह यह है कि अभी तक सीट शेयरिंग के फार्मूले को सार्वजनिक नहीं किया गया है. ऊपर से गठबंधन में शामिल भाकपा माले कैबिनेट में शामिल होगा है या नहीं, इस पर 01 या 02 दिसंबर को फैसला होना है. यह भी क्लियर नहीं हो पाया है कि अगर माले सरकार में शामिल होना चाहेगा तो क्या झामुमो अपने कोटे का एक मंत्री पद छोड़ देगा. क्योंकि झारखंड में सीएम समेत अधिकतम 12 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं. 2019 में झामुमो, कांग्रेस और राजद ने मिलकर चुनाव लड़ा था. तब झामुमो को सीएम समेत सात, कांग्रेस को चार और राजद को एक मंत्री पद मिला था.

Last Updated : Nov 27, 2024, 3:47 PM IST

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