पटना: कहते हैं देश में बहुत बेरोजगारीहै. अगर इसका उदाहरण कभी देखने का मन करे तो बिहार आ जाइएये. युवा बेरोजगारों की टोली आपको जगह-जगह मिल जाएगी. खुदा-न-खास्ता अगर किसी दिन परीक्षा हो तो पूछिए ही मत. कुछ ऐसा ही नजारा बिहारी सिपाही के दिन यानी रविवार को देखने को मिला.
खिड़की दरवाजों पर लटके यात्री: ट्रेन में भीड़ ठसमठस थी. किसी तरह परीक्षार्थी अपने गंतव्य तक पहुंचने की कोशिश में जुटे थे. जिन्होंने भी यह नजारा देखा हक्के-बक्के रह गए. यह तस्वीर पटना गया रेलखंड के तारेगना रेलवे स्टेशन पर दिखी. पटना से चलकर गया की ओर जाने वाली ट्रेन में यात्रियों की भारी भरकम भीड़ देखने को मिली.
इंजन तक ठसा ठस भीड़ (ETV Bharat) मूकदर्शक बनी रेल पुलिस: भीड़ इस कदर थी कि कई लोग पायदान पर लटके थे, तो कई लोग दो बोगियों के जॉइंट पर बैठे दिखे. वही बहुत सारे लोग खिड़की से लटके दिखे. यहां पर रेल पुलिस मूकदर्शक बनी रही. आखिर वो कर भी क्या सकती थी. अब इन बेरोजगारों को कौन समझाए, ट्रेनों में लटककर, पायदान पर खड़े रहकर सफर करने से अनहोनी हो सकती है. ऐसे में जान भी जा सकती है.
परीक्षा देकर लौट रहे परीक्षार्थी कैसे जाएं घर? (ETV Bharat) ''ट्रेनों के छत पर चढ़ने वाले और पायदान पर लटकाने वाले यात्रियों के खिलाफ लगातार तारेगना रेल पुलिस द्वारा मुहिम चलाई जाती है. पर्व त्योहारों के वक्त में इस कदर भीड़ ट्रेन में उमड़ती है कि उस वक्त पुलिस बेबस हो जाती हैं. यात्रियों की भारी संख्या होती है, भीड़ नियंत्रित नहीं हो पाती हैं. हालांकि हम सभी पुलिस वालों की कोशिश होती है कि सभी यात्रियों को समझाएं कि अपनी जान जोखिम में ना डालें. ट्रेन में यात्रा ठीक ढंग से करें. कभी-कभी लाठी बल का भी प्रयोग करना पड़ता है.''- मुकेश कुमार सिंह, तरेगना रेल थानाध्यक्ष
ये भी पढ़ें-