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धौलपुर में आसमानी आफत का कहर, चारों तरफ जलभराव से त्राहि-त्राहि, खरीफ फसल बर्बाद - Heavy Rain in Dholpur - HEAVY RAIN IN DHOLPUR

धौलपुर में भारी बारिश से ग्रमीण इलाकों में भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. घरों में पानी भरा हुआ है. खेत जलमग्न हैं. फसलें चौपट हो चुकी हैं. मवेशियों के लिए चारे का भी संकट गहरा गया है.

धौलपुर में भारी बारिश
धौलपुर में भारी बारिश (ETV Bharat Dholpur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 8, 2024, 3:17 PM IST

तहसीलदार ने लिया जायजा (ETV Bharat Dholpur)

धौलपुर: पिछले 25 दिन से हो रही बरसात ने धौलपुर जिले को पानी-पानी कर दिया है. जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण इलाकों में खेत, खलिहान, जलाशय, तालाब, नदियां, बांध सभी लबालब भर चुके हैं. ग्रामीण इलाके की आबादी में पानी घुसने से लोगों को पलायन करना पड़ रहा है. खरीफ फसल पूरी तरह से बर्बाद हो रही है. जिले के रजोरा खुर्द, रोहाई, झीलरा गांव की आबादी बुरी तरह से जलभराव की चपेट में आ चुकी है. करीब 4 फीट तक आबादी में पानी भर गया है.

लोगों के मकान में दरारें आने के साथ धराशाई हो रहे हैं. लोगों का जनजीवन बुरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है. खरीफ की बाजार, दलहन, तिलहन, ज्वार, ज्वार, मक्का सभी फसलें चौपट होने के कगार पर पहुंच गई हैं. मवेशियों के लिए चारे का भी संकट गहरा गया है. खेतों में फसल और चारा सड़ रहा है.

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घरों में चार-चार फीट तक पानी भरा : तहसीलदार राहुल धाकड़ में बताया बारिश की वजह से फसल पूरी तरह से चौपट हो चुकी है. पटवारी से फसल की गिरदावरी कराकर सर्वे करवा रहे हैं. लोगों के मकान भी धराशाई हो रहे हैं. राज्य सरकार को मुआवजे के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक पब्लिक में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. चारों तरफ हो रहे जल भराव ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. फसल पानी की चपेट में आ चुकी है. लोगों के घरों में चार-चार फीट तक पानी भर चुका है. घरेलू सामान बर्बाद हो रहा है.

स्थानीय लोगों ने बताया इस सीजन की बरसात में लोगों को सबसे ज्यादा परेशान किया है. खरीफ की फसल पूरी तरह से खेतों में चौपट हो चुकी है. आजीविका का दूसरा साधन पशुपालन है, वह भी चारे की वजह से संकट में आ गया है. ग्रामीणों ने बताया 4 फीट तक गांव और खेतों में जलभराव के हालात होने से आगामी फसल रवि पर भी संकट बना हुआ है. लोगों ने बताया अगर प्रशासन ने समस्या पर ध्यान नहीं दिया तो मजबूरी में ग्रामीणों को पलायन करना पड़ेगा.

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