नई दिल्ली: दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले के आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर बुधवार को उमर खालिद की ओर से आंशिक दलीलें सुनी. एडिशनल सेशंस जज समीर बाजपेयी ने जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 9 अप्रैल को करने का आदेश दिया. उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदीप पेस ने आंशिक दलीलें रखी.
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील अनिरुद्ध मिश्रा ने कहा कि उनकी ओर से दलील रखने के लिए स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद उपलब्ध नहीं हैं. जिसेक बाद कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई 9 अप्रैल को करने का आदेश दिया. इसके पहले उमर खालिद की ओर से कहा गया था कि इस मामले के दूसरे आरोपियों के खिलाफ हमसे गंभीर आरोप हैं और वे जमानत पर हैं और उन्हें तो दिल्ली पुलिस ने आरोपी भी नहीं बनाया था.
उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदीप पेस ने कहा था कि जिन तथ्यों के आधार पर तीन आरोपियों को जमानत दी गई, वही तथ्य उमर खालिद के साथ भी हैं. उन्होंने समानता के सिद्धांत की बात करते हुए उमर खालिद को जमानत देने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ कोई आतंकी कानून की धारा नहीं लगी है.
पेस ने कहा था कि उमर खालिद लगातार जेल में है. उन्होंने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने 15 ऐसे वाकये बताए जिसमें उमर खालिद की संलिप्तता का जिक्र है लेकिन अधिकतर मामलों में कोई गवाह नहीं है. पेस ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने चार व्हाट्स ऐप ग्रुप का जिक्र किया है लेकिन उनमें से दो में उमर खालिद था ही नहीं. इन ग्रुप के कई सदस्यों को तो आरोपी तक नहीं बनाया गया. दो ग्रुप में से एक ग्रुप में तो उमर खालिद ने कभी कोई मैसेज नहीं भेजा. चौथे ग्रुप में उमर खालिद ने पांच मैसेज भेजे थे, जिसमें तीन गूगल मैप्स थे. एक मैसेज में उमर खालिद ने दिल्ली पुलिस के उस अपील का जिक्र किया है जिसमें प्रदर्शन को बंद करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि उमर खालिद ने कभी भी हिंसा फैलाने की बात नहीं की. कोर्ट ने 28 फरवरी को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था.