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रामनगर के भवानीगंज की 4.15 बीघा सरकारी भूमि बेचने के खिलाफ दायर PIL पर सुनवाई, हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब - Bhawaniganj government land case

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 23, 2024, 8:21 AM IST

Hearing on Bhawaniganj land dispute in Nainital High Court रामनगर के भवानीगंज की सरकारी भूमि बेचने के मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. सरकार के साथ ही सभी पक्षों से जवाब मांगा गया है. मामला भवानीगंज की 4.15 बीघा जमीन से जुड़ा है. क्या है ये विवाद, इस खबर में जानिए.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई (Photo- ETV Bharat)

नैनीताल:उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रामनगर के भवानीगंज की सरकारी भूमि को बेचने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई की. हाईकोर्ट ने सरकार समेत सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया है. रामनगर के बम्बाघेर निवासी अजय कुमार अग्रवाल के पत्र पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में सुनवाई हुई.

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि नगर पालिका और सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत के कारण रामनगर के भवानीगंज स्थित बेशकीमती 4.15 बीघा नजूल भूमि को 1.35 करोड़ रुपये में संगीता अग्रवाल पत्नी राजीव कुमार अग्रवाल को बेच दिया. याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि सन् 1960 में इस भूमि की लीज खत्म हो गयी थी. तब यह भूमि आनंद प्रिय के नाम पर थी. सन् 2014 में नगर पालिका ने इस भूमि को अवैध ढंग से चंद्रशेखर, देवेन्द्र और रतीश पलड़िया के नाम पर पंजीकृत कर दिया.

इसके बाद सन् 2015 में इन लोगों ने इस भूमि को संगीता अग्रवाल को बेच दिया. याचिकाकर्ता की ओर से यह भी कहा गया कि सन् 2009 में शहरी विकास विभाग और जिलाधिकारी नैनीताल की ओर से इस भूमि को हस्तांतरित नहीं करने के लिये बकायदा निर्देश दिये गये थे. इसके बावजूद नगर पालिका ने इस भूमि को नियमों पर ताक पर रख कर पहले नाम परिवर्तन किया और इसके बाद रजिस्ट्रार कार्यालय की ओर से भी नियमों को ताक पर रख कर संगीता अग्रवाल को बेच दी.

यही नहीं सन् 2016 में रामनगर नगर पालिका ने इस भूमि का दाखिल खारिज भी संगीता अग्रवाल के नाम पर कर दिया. याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि तहसीलदार रामनगर की जांच में अनियमितता की पुष्टि हुई, लेकिन दोषियों के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. इस मामले में अधिवक्ता पूरन सिंह रावत को न्यायमित्र अधिवक्ता नियुक्त किया गया है.
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