बिहार

bihar

ETV Bharat / state

बिहार में कोर्ट और पुलिस के बीच फंसे 'भगवान', आज अदालत में मिलेगी 'पहचान' - Ashtadhatu statue in Gopalganj

Hearing On Ashtadhatu Statue: बिहार के गोपालगंज में एक अष्टधातु की मूर्ति कोर्ट कचहरी के चक्कर में फंस गई है. मूर्ति के दावेदार आज साक्षय के साथ कोर्ट में पहुंचेगें, जहां अदालत में ये साबित होना कि आखिर ये मूर्ति किसकी है? साथ ही आज ये भी फैसला होगा कि ये मूर्ति भगवान राम की है या श्रीकृष्ण की. पढ़ें पूरी खबर..

hearing on Ashtadhatu statue
hearing on Ashtadhatu statue

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 1, 2024, 10:00 AM IST

गोपालगंजःबिहार के गोपालगंज सीजेएम कोर्ट में एक अष्टधातु की मूर्तिकी दावेदारी को लेकर आज सुनवाई होगी. जहां मूर्ति के दावेदार विपिन बिहारी पूरे सबूत के साथ आज कोर्ट पहुंचना है. इस मामले में सीजेएम मानवेंद्र मिश्र ने आदेश दिया था कि मूर्ति की दावेदारी करने वाले 1 मार्च को पर्याप्त साक्ष्य लेकर कोर्ट आएं.

भगवान की मूर्ति पर कोर्ट में सुनवाईःइस मामले में कोर्ट ने पुलिस को भी आदेश दिया था कि उक्त मूर्ति की तस्वीर विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित की जाए, ताकि इसके अन्य संभावित दावेदार भी सामने आएं और 1 मार्च को कोर्ट में आकर साक्ष्य देते हुए मूर्ति की पहचान करें. दरअसल गोपालगंज के हथुआ थाना क्षेत्र के वरीरायभान स्थित तालाब की खुदाई के समय 13 जून 2023 को अष्टधातु की एक मूर्ति पुलिस ने बरामद की थी. जिसे थाना के मालखाना में सुरक्षित रख दिया गया था.

आज कोर्ट में होगी मूर्ति की पहचानः आज होगा इसके बाद गोपालगंज के वरीरायभान निवासी विपिन बिहारी ने उसे अपने मंदिर से चुराई गई राधाकृष्ण की मूर्ति बताते हुए उस पर अपना का दावा पेश किया था. हालांकि विपिन बिहारी ने अब तक कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है, जिससे यह साबित हो सके कि ये मूर्ति वही है, जो उनके मंदिर में थी. दूसरी तरफ तालाब से बरामद मूर्ति को पुलिस ने रामजानकी मंदिर के प्रभु श्रीराम की मूर्ति बताई है. पुलिस ने इसे लेकर अदालत को रिपोर्ट भी सौंपी है. आज कोर्ट में ये साफ हो जाएगा कि ये मूर्ति भगवान राम की है या श्रीकृष्ण की.

हथुआ थाने में दर्ज हुई थी रिपोर्ट: गौरतलब है कि वरीरायभान गांव में 1925 में स्थापित श्री राधाकृष्ण गोपीनाथ मंदिर से 13 फरवरी 2018 को अष्टधातु की मूर्ति चोरी हो गई थी. मूर्ति राधाकृष्ण की थी. जिसको लेकर विपिन बिहारी श्रीवास्तव ने हथुआ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. वहीं पुलिस ने मूर्ति श्रीराम की बताई थी. वहीं तत्कालीन अनुसंधानकर्ता प्रशांत कुमार राय ने इसे सूत्रहीन बताते हुए 23 नवंबर 2018 को केस क्लोज कर दिया था. इसके बाद यह मामला अब सीजेएम कोर्ट में चला गया है, जिसको लेकर ऐज 1 मार्च को इस पर सुनवाई होगी.

ये भी पढ़ेंःगोपालगंज में तालाब की खुदाई के दौरान मिली अष्टधातु का असली दावेदार कौन, 1 मार्च को सीजेएम कोर्ट में होगा फैसला

ABOUT THE AUTHOR

...view details