श्रीनगर: देश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में होने वाले छात्र संघ चुनाव में विभिन्न पदों पर एक बार से अधिक चुनाव लड़ने पर लगी पाबंदी हटाने की आवाज उठी है. दरअसल सामाजिक कार्यकर्ता नवीन प्रकाश नौटियाल और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जिस पर 12 फरवरी को सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने केंद्र और यूजीसी से इस संदर्भ में जवाब मांगा है. मामले में अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि लिंगदोह कमेटी की रिपोर्ट अधिकांश पहलुओं पर प्रशंसनीय है,लेकिन इसमें छात्रों के चुनाव लड़ने की स्वतंत्रता पर पाबंदी लगाने का विवादित नियम लागू किया गया है.
छात्रसंघ चुनाव लड़ने के नियमों को SC में चुनौती:याचिकाकर्ता नवीन प्रकाश नौटियाल ने बताया कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सितंबर 2023 में याचिका दायर की गई थी. मामले में 12 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र और यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. इस याचिका में मांग की गई है कि छात्रों के एक से ज्यादा बार छात्र संघ चुनाव लड़ने पर लगी पाबंदी को हटाया जाए. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने यूनिवर्सिटी, कॉलेज और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में होने वाले छात्रसंघ चुनाव को लेकर लिंगदोह पैनल बनाया था. सिफारिशें देने के लिए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जेएम लिंगदोह को अध्यक्ष बनाया गया था. इस कमेटी ने 26 मई 2006 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी.