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24 वर्षों तक अनुकंपा पर नौकरी देने का मामला लटकाने पर HC नाराज, कोर्ट ने सरकार पर लगाया जुर्माना - Hearing in Patna High Court

Patna High Court: पटना हाईकोर्ट ने अनुकम्पा पर नौकरी देने के मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुये तीन माह के भीतर पैसा देने का आदेश दिया. पढ़ें पूरी खबर.

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 15, 2024, 10:55 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट ने 24 वर्षों तक अनुकम्पा पर नौकरी देने के मामले को लटकाये रखने पर कड़ी नाराजगी जताई है. जस्टिस पीबी बजनथ्री की खंडपीठ ने मंगल बहादुर की याचिका पर सुनवाई की. राज्य सरकार को कोर्ट ने सरकार पर तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुये तीन माह के भीतर पैसा देने का आदेश दिया. साथ ही तय समय के भीतर पैसा नहीं दिये जाने पर 6 प्रतिशत ब्याज देने का आदेश दिया. हालांकि कोर्ट ने अनुकम्पा पर नौकरी देने से साफ इंकार कर दिया.

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई: पटना कोर्ट ने सुनवाई करते हुई अपने आदेश में कहा कि इस केस के रिकॉर्ड के अवलोकन से स्पष्ट है किअनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए आवेदन इतने वर्षों तक लंबित रखना एक दुर्भाग्यपूर्ण है. जिसने अपने पिता को 1992 में खो दिया और आवेदन वर्ष 1995 में जमा कर दिया. कोर्ट ने कहा कि मृतक परिवार का इतने दशकों तक बगैर सरकारी नौकरी के भरण-पोषण होना यह बताता है कि आवेदक सरकारी नौकरी के बिना भी परिवार चला सकता हैं.

कोर्ट ने मुआवजा भुगतान करने को दिया आदेश: कोर्ट ने कहा कि आवेदक बिना किसी गलती के अनुकंपा नियुक्ति का हकदार नहीं है. अधिकारियों के सुस्त रवैये के कारण अनुकंपा पर नियुक्ति से वंचित कर दिया गया. कोर्ट ने तीन माह के भीतर तीन लाख रुपये का मुआवजा का भुगतान करने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि तय समय के भीतर मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किये जाने पर आवेदक 6% प्रति वर्ष की दर से ब्याज पाने का हकदार होगा.

32 साल पहले पिता की हुई थी मौत:पटना कोर्ट को बताया गया कि 1992 में आवेदक के पिता के आकस्मिक निधन के बाद अनुकंपा पर नियुक्ति के लिए आवेदक ने 1995 में सभी जरूरी दस्तावेज संलग्न करते हुए आवेदन दिया था, लेकिन आवेदन पूर्ण नहीं होने पर विभाग ने 30 दिसम्बर 1995 को और जरूरी दस्तावेज जमा करने का निर्देश आवेदक को दिया. आवेदक ने मांगी गई दस्तावेजों को जमा कर दिया. इसके बाद विभाग ने आगे की कार्रवाई के लिए पश्चिम चंपारण के जिला अनुकंपा नियुक्ति समिति को भेज दिया.

कोर्ट का अनुकम्पा पर नौकरी देने से इंकार: समिति ने अपने 23 जून 2016 की बैठक में 24 साल की देरी का हवाला दे अनुकम्पा पर नौकरी देने को खारिज कर दिया. ये कहा गया कि 24 वर्ष की अत्यधिक देरी के लिए आवेदक स्वयं जिम्मेदार है. आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सरकारी कर्मचारी की मृत्यु 26 जनवरी 1992 को हुई थी और अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए आवेदक ने 24 दिसंबर 1995 को आवेदन दिया. उनका कहना था कि उस समय अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति के लिए आवेदन दाखिल करने की कोई समय सीमा निर्धारित नहीं थी.

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