शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार अभी तक उन अफसरों का पता नहीं कर पाई है, जिनकी चूक के कारण सेली हाइड्रो पावर कंपनी की 64 करोड़ की अपफ्रंट मनी जमा नहीं हो पाई. ये रकम सात फीसदी ब्याज सहित जमा करवानी थी. हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की. इस मांग को हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने मंजूर कर लिया और मामले की सुनवाई अब नए साल में 3 जनवरी को निर्धारित करने के आदेश जारी किए.
क्या है मामला?
चिनाब नदी पर 320 मेगावाट का एक पावर प्रोजेक्ट लगना था, जिसके लिए सेली हाइड्रो पावर कंपनी ने टेंडर भरा था. कंपनी ने 64 करोड़ रुपये की अपफ्रंट मनी जमा की थी. प्रोजेक्ट वायबल ना होने के कारण कंपनी ने बाद में अपफ्रंट मनी वापस दिए जाने की मांग की. मामला हाईकोर्ट पहुंचा और अदालत ने ये रकम सात फीसदी ब्याज सहित कंपनी को लौटाने के आदेश जारी किए. सरकार ने ये रकम नहीं लौटाई, जिस पर अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट ने नई दिल्ली के हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश जारी किए थे.