नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बागेश्वर जिले की कांडा तहसील के कई गांवों में खड़िया खनन से आई दरारों के मामले में स्वतः संज्ञान लेकर पंजीकृत की गई जनहित याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी.नरेंद्र और वरिष्ठ न्यायमूर्ती मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने की. कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए ज्यूलोजिकल एवं खनन इकाई उत्तराखंड के डिप्टी डायरेक्टर को व्यक्तिगत और कमेटी के अन्य सदस्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 फरवरी की तारीख निर्धारित की गई है.
आज हुई सुनवाई पर राज्य सरकार ने बागेश्वर जिले के 61 खड़िया खदानों की जांच रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत की. कोर्ट ने रिपोर्ट का अवलोकन किया. कोर्ट ने संतुष्टि के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष ज्यूलोजिकल एवं खनन इकाई उत्तराखंड के डिप्टी डायरेक्टर को स्वयं व्यक्तिगत रूप से 17 फरवरी को पेश होने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने कमेटी के अन्य सदस्यों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने के निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने अगली तिथि तक खड़िया खनन पर लगी रोक को जारी रखा है.