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नेशनल गेम्स संपन्न होते ही शुरू विवाद, कैटरिंग वर्कस का आरोप- नहीं हुआ भुगतान, पुलिस ने कब्जे में लिए ट्रक - 38TH NATIONAL GAMES

नेशनल गेम्स के कैटरिंग वर्करों का भुगतान नहीं हुआ. जिसके बाद वर्कस ने जमकर हंगामा किया. पुलिस ने कंपनी के ट्रक कब्जे में ले लिए.

38th national games
नेशनल गेम्स के कैटरिंग वर्करों का हंगामा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 15, 2025, 6:53 PM IST

Updated : Feb 15, 2025, 8:04 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के तहत देहरादून जिले के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज और परेड ग्राउंड में कई प्रतियोगिता और कार्यक्रम आयोजित किए गए. इन कार्यक्रमों में कैटरिंग का काम कर रहे करीब 150 स्थानीय वर्कर्स ने कैटरिंग कंपनी पर उनका भुगतान न करने का आरोप लगाया है. शनिवार को कैटरिंग का सामान समेटकर जा रहे ट्रक को रोककर वर्करों ने पुलिस को बुलाया. इसके बाद पुलिस ने इन ट्रक को कब्जे में लेकर कैटरिंग सर्विस देने वाली कंपनी के पदाधिकारी से वर्कस का भुगतान करने के लिए दबाव बनाया.

महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज और परेड ग्राउंड देहरादून में चले राष्ट्रीय खेलों के इवेंट्स में वेटर सर्विस के लिए मैनपॉवर उपलब्ध कराने वाले दिनेश रावत ने बताया कि तकरीबन दो दर्जन स्थानीय वर्करों को उन्होंने परेड ग्राउंड और महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में उपलब्ध करवाया था. उन वर्कस का काम 25 जनवरी से शुरू हो गया था. आखिरी इवेंट के समापन तक उनके सभी वर्कस का कुल भुगतान 1 लाख 39 हजार रुपए अभी कंपनी पर बकाया है.

नेशनल गेम्स के कैटरिंग वर्करों का हंगामा (VIDEO- ETV Bharat)

दिनेश रावत ने बताया,

नेशनल गेम्स के इवेंट्स दो दिन पहले खत्म हो चुके हैं. लेकिन कैटरिंग टेंडर कंपनी, वर्करों का भुगतान करने में लगातार टाल मटोल कर रही है. 14 फरवरी की पूरी रात वर्कर अपना बकाया लेने के लिए मौके पर मौजूद रहे. लेकिन उसके बावजूद भी कंपनी द्वारा भुगतान नहीं किया गया है. कंपनी अपना सामान सबमिट कर दिल्ली के लिए रवाना हो रही है. जिसे देखते हुए वर्करों ने स्थानीय पुलिस को बुलाया.

वहीं एक और लोकल मैनपावर उपलब्ध कराने वाले धर्म सिंह ने बताया,

उनके द्वारा नेशनल गेम्स में कैटरिंग सर्विस के लिए 125 लोकल वर्कर उपलब्ध करवाए गए थे. उनका कुछ पैसा आया. लेकिन करीब 60 हजार रुपए अभी भी बकाया है. कैटरिंग कंपनी लगातार अपना सामान समेटकर नौ दो ग्यारह हो रही है. वह लगातार 12 फरवरी से कैटरिंग कंपनी के लोगों के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन पेमेंट के लिए लगातार लटकाया जा रहा है. आखिरकार उन्हें मजबूर होकर पुलिस को बुलाना पड़ा है.

चौकी इंचार्ज केसर वाला मालदेवता दीपक गैरोला ने बताया,

फिलहाल पुलिस ने कैटरिंग कंपनी के ट्रक को कब्जे में ले लिया है. वर्करों के भुगतान के लिए कैटरिंग कंपनी के पदाधिकारी को बुलाया जा रहा है. कंपनी से बातचीत कर वर्करों को भुगतान करने का दबाव बनाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः ये हैं उत्तराखंड के 'गोल्डन' खिलाड़ी, नेशनल गेम्स में जीते 24 स्वर्ण पदक, रैंकिंग में जबरदस्त सुधार

देहरादूनः उत्तराखंड में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के तहत देहरादून जिले के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज और परेड ग्राउंड में कई प्रतियोगिता और कार्यक्रम आयोजित किए गए. इन कार्यक्रमों में कैटरिंग का काम कर रहे करीब 150 स्थानीय वर्कर्स ने कैटरिंग कंपनी पर उनका भुगतान न करने का आरोप लगाया है. शनिवार को कैटरिंग का सामान समेटकर जा रहे ट्रक को रोककर वर्करों ने पुलिस को बुलाया. इसके बाद पुलिस ने इन ट्रक को कब्जे में लेकर कैटरिंग सर्विस देने वाली कंपनी के पदाधिकारी से वर्कस का भुगतान करने के लिए दबाव बनाया.

महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज और परेड ग्राउंड देहरादून में चले राष्ट्रीय खेलों के इवेंट्स में वेटर सर्विस के लिए मैनपॉवर उपलब्ध कराने वाले दिनेश रावत ने बताया कि तकरीबन दो दर्जन स्थानीय वर्करों को उन्होंने परेड ग्राउंड और महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में उपलब्ध करवाया था. उन वर्कस का काम 25 जनवरी से शुरू हो गया था. आखिरी इवेंट के समापन तक उनके सभी वर्कस का कुल भुगतान 1 लाख 39 हजार रुपए अभी कंपनी पर बकाया है.

नेशनल गेम्स के कैटरिंग वर्करों का हंगामा (VIDEO- ETV Bharat)

दिनेश रावत ने बताया,

नेशनल गेम्स के इवेंट्स दो दिन पहले खत्म हो चुके हैं. लेकिन कैटरिंग टेंडर कंपनी, वर्करों का भुगतान करने में लगातार टाल मटोल कर रही है. 14 फरवरी की पूरी रात वर्कर अपना बकाया लेने के लिए मौके पर मौजूद रहे. लेकिन उसके बावजूद भी कंपनी द्वारा भुगतान नहीं किया गया है. कंपनी अपना सामान सबमिट कर दिल्ली के लिए रवाना हो रही है. जिसे देखते हुए वर्करों ने स्थानीय पुलिस को बुलाया.

वहीं एक और लोकल मैनपावर उपलब्ध कराने वाले धर्म सिंह ने बताया,

उनके द्वारा नेशनल गेम्स में कैटरिंग सर्विस के लिए 125 लोकल वर्कर उपलब्ध करवाए गए थे. उनका कुछ पैसा आया. लेकिन करीब 60 हजार रुपए अभी भी बकाया है. कैटरिंग कंपनी लगातार अपना सामान समेटकर नौ दो ग्यारह हो रही है. वह लगातार 12 फरवरी से कैटरिंग कंपनी के लोगों के चक्कर काट रहे हैं. लेकिन पेमेंट के लिए लगातार लटकाया जा रहा है. आखिरकार उन्हें मजबूर होकर पुलिस को बुलाना पड़ा है.

चौकी इंचार्ज केसर वाला मालदेवता दीपक गैरोला ने बताया,

फिलहाल पुलिस ने कैटरिंग कंपनी के ट्रक को कब्जे में ले लिया है. वर्करों के भुगतान के लिए कैटरिंग कंपनी के पदाधिकारी को बुलाया जा रहा है. कंपनी से बातचीत कर वर्करों को भुगतान करने का दबाव बनाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः ये हैं उत्तराखंड के 'गोल्डन' खिलाड़ी, नेशनल गेम्स में जीते 24 स्वर्ण पदक, रैंकिंग में जबरदस्त सुधार

Last Updated : Feb 15, 2025, 8:04 PM IST
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