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स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर बोले- बच्चों की जान बचाना प्राथमिकता, लेकिन बिजली की हाई वोल्टेज लाइन किसने बिछाई

Health Minister Gajendra Singh Khinvsar meets children burnt in Kota current accident, कोटा में महाशिवरात्रि जुलूस में करंट की चपेट में आने से झुलसे बच्चों से राज्य के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने शनिवार को एसएमएस अस्पताल पहुंचकर मुलाकात की. साथ ही चिकित्सकों से उनके उपचार को लेकर जानकारी ली. इस दौरान मंत्री ने कहा कि बच्चों की जान बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है, लेकिन सवाल यह भी है कि आखिर बस्ती में हाई वोल्टेज लाइन बिछाई किसने थी?

Kota Shiv Baraat accident Case
Kota Shiv Baraat accident Case

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 9, 2024, 7:09 PM IST

स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर

जयपुर.करंट लगने से गंभीर रूप से झुलसे कोटा के बच्चों की जान बचाना प्राथमिकता है. उसके बाद उनकी प्लास्टिक सर्जरी की जाएगी. यह कहना है प्रदेश के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर का. शनिवार को खींवसर सवाई मानसिंह अस्पताल में भर्ती पीड़ित बच्चों का कुशलक्षेम लेने पहुंचे. यहां उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को बच्चों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. साथ ही सवाल उठाया कि अवैध बस्ती में बिजली की हाई वोल्टेज लाइन किसने बिछाई, यह जांच का विषय है.

दरअसल, कोटा के सकतपुरा में शुक्रवार को महाशिवरात्रि के मौके पर शिव बारात का जुलूस निकला था. इस जुलूस में एक बच्चा अपने हाथ में लोहे के पाइप में लगा झंडा लेकर चल रहा था, तभी झंडे का पाइप बिजली के तार से जा टकराया. वहीं, इस दौरान बच्चे के साथ चल रहे अन्य बच्चे भी करंट की चपेट में आ गए. इनमें से गंभीर 5 बच्चों को जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में रेफर किया गया है.

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झुलसे बच्चों से मिले स्वास्थ्य मंत्री :शनिवार को चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर गंभीर हालत में सर्जिकल आईसीयू में भर्ती बच्चे से मिले. उसके बाद बर्न सेमी आईसीयू में भर्ती अन्य 4 बच्चों से भी मिले और चिकित्सकों से उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली. उन्होंने वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ. प्रदीप गुप्ता और डॉ. राकेश जैन को निर्देश दिए कि बच्चों के उपचार में किसी तरह की कमी न आए और उनके ट्रीटमेंट पर निगरानी बनाए रखें.

हाई वोल्टेज लाइन किसने बिछाई :उन्होंने कहा कि मामले की कोटा जिला कलेक्टर जांच करेंगे, लेकिन सवाल ये भी है कि एक तो अवैध बस्ती और दूसरा वहां बिजली की हाई वोल्टेज लाइन आखिर बिछाई किसने? ये भी जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि ऐसी अनहोनी घटना पर किसी का कंट्रोल नहीं. हालांकि, परिजनों से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया है और उन्हें कहा गया है कि सीनियर डॉक्टर्स और अस्पताल में बर्न डिपार्मेंट 100% काम कर रहा है. इसके अलावा निर्देश दिए गए हैं कि सबसे पहले बच्चों की जान बचाई जाए. उसके बाद प्लास्टिक सर्जरी सेकेंडरी स्टेप है. भोलेनाथ से यही प्रार्थना करते हैं कि बच्चे जल्दी ठीक हो जाएं. डॉक्टर अपना काम कर रहे हैं, लेकिन भगवान डॉक्टर्स का भी डॉक्टर है.

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