चंडीगढ़:हरियाणा सरकार जंगल सफारी और इको-सिस्टम को बढ़ावा देने पर मंथन कर रही है. जिसके चलते हरियाणा सीएम नायब सैनी ने वन एवं वन्य जीव विभाग को जंगल सफारी परियोजना को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी है. राज्य वन विभाग ने अरावली क्षेत्र में जंगल सफारी व ग्रीन वाल प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार भी कर लिया है. इसको लेकर हरियाणा के पर्यावरण और वन्य जीव मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के चलते आज बढ़ते प्रदूषण के कारण पर्यावरण संरक्षण एक वैश्विक चिंता का विषय बनता जा रहा है. पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए हमें प्रकृति व वन्य जीव संरक्षण के प्रति संवेदनशील होना होगा.
पीएम ने कही वन्यजीव को बचाने की बात: अब तो निजी क्षेत्र के साथ-साथ कई नए युवा स्टार्टअप भी प्रकृति व वन्यजीव संरक्षण में रुचि दिखा रहे हैं. जो सरकारी प्रयासों के साथ-साथ एक सराहनीय पहल भी है. राव नरबीर ने कहा कि आगामी 3 मार्च, 2025 को विश्व वन्यजीव दिवस पर हमें विलुप्त होती वन्य जीव प्रजातियों को संरक्षित करने का संकल्प लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 'मन की बात' कार्यक्रम के 119वें एपिसोड में भी वन्यजीवों को बचाने की बात कही है.
जंगल सफारी रूपरेखा तैयार: हरियाणा वन विभाग अरावली क्षेत्र में इको-सिस्टम को बढ़ावा देने व इसको संरक्षित करने के प्रति गंभीरता से काम कर रहा है. अरावली क्षेत्र में जंगल सफारी व अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार की गई है. अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट का शुभारंभ केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह यादव गत दिनों कर चुके हैं.
उन्होंने कहा कि जंगल सफारी योजना पहले पर्यटन विभाग द्वारा ही तैयार की जानी थी. लेकिन मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसकी जिम्मेदारी वन एवं वन्य जीव विभाग को सौंप है. विभाग तेजी से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि वे स्वयं विभाग के अधिकारियों के साथ नागपुर के गोरेवाड़ा वन्यजीव सफारी और जामनगर, गुजरात के वन तारा परियोजना का दौरा कर चुके हैं. हमारा प्रयास है कि अरावली क्षेत्र में प्रस्तावित जंगल सफारी परियोजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कर कमलो से हो.