चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव में जीत के लिए सभी राजनीतिक दल पुरजोर प्रचार-प्रसार में लगे हैं. सत्तारूढ़ भाजपा का रविवार यानी आज से घर-घर महासंपर्क अभियान शुरू होगा, तो अन्य राजनीतिक दल भी लगातार अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में लोगों के बीच सक्रिय हैं. इस बीच पंचकूला से भाजपा के प्रत्याशी ज्ञानचंद गुप्ता के चचेरे भाई शिव कुमार गुप्ता भाजपा छोड़कर कांग्रेस प्रत्याशी चंद्रमोहन के नेतृत्व में कांग्रेस में शामिल हो गए. हरियाणा की पंचकूला और कालका विधानसभा सीट अहम होने वाली हैं.
2014 के बाद से पंचकूला सीट पर सबसे कम नामांकन: हर विधानसभा चुनाव में पंचकूला विधानसभा सीट को काफी हॉट माना जाता है. जबकि इस सीट पर मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच में ही रहता है. हालांकि बीते 10 वर्षों से भाजपा के उम्मीदवार ज्ञानचंद गुप्ता ही यहां से विधायक बनते आए हैं, जो अब तीसरी बार भी चुनावी मैदान में हैं.
दिलचस्प बात ये है कि पंचकूला विधानसभा सीट पर उम्मीदवारों की संख्या वर्ष 2014 से अब तक लगातार कम होती आई है. जहां वर्ष 2014 में कुल 18 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी. वहीं वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की संख्या 14 पर आ गई. जबकि इस बार 2024 में केवल 12 उम्मीदवारों ने ही नामांकन पत्र दाखिल किए हैं. स्पष्ट है कि पंचकूला विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने के इच्छुक लोगों की दिलचस्पी घटती देखी गई है.
निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या हुई कम: पंचकूला विधानसभा सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने वाले उम्मीदवारों की संख्या कम होने का सबसे बड़ा कारण निर्दलीय उम्मीदवारों का चुनावी मैदान से दूरी बनाना है. क्योंकि 2014 के विधानसभा चुनाव में कुल 9 निर्दलीय उम्मीदवार थे. जबकि वर्ष 2019 में महज 4 निर्दलीय उम्मीदवारों ने ही अपनी किस्मत आजमाई थी.