चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने किसानों और छोटे व्यापारियों की मिट्टी निपटान से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए खनन एवं भूविज्ञान विभाग का पोर्टल kisan.minesharyana.gov.in लॉन्च किया है. इस पोर्टल की मदद से अब किसान और छोटे व्यापारी अपने घर बैठे ही मिट्टी के प्रयोग से संबंधित परमिट ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे. इससे किसानों, छोटे व्यापारियों को ही नहीं, बल्कि गांव के रेहड़ा व बुग्गी वाले किसानों को भी बड़ी राहत मिलेगी.
खनन एवं भूविज्ञान विभाग का पोर्टल लॉन्च: मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे किसान भाई व छोटे व्यापारी लंबे समय से मिट्टी से संबंधित विभागीय अनुमति व अन्य प्रक्रिया के जटिल होने के कारण कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे थे. उनके समाधान के लिए ही पोर्टल लॉन्च किया है. उन्होंने कहा कि किसान व छोटे व्यापारी अगले 2 महीने तक ऑनलाइन प्रक्रिया के साथ-साथ ऑफलाइन भी संबंधित माइनिंग ऑफिसर के पास जाकर एनओसी प्राप्त कर सकेंगे.
इससे पहले इन सब कार्यों के लिए व्यक्तिगत रूप से किसानों व छोटे व्यापारियों को कार्यालय में जाकर सभी कागजात जमा करवाकर अनुमति लेनी पड़ती थी. अब किसान अपने भरत के कार्य के लिए पोर्टल से एनओसी प्राप्त कर सकेंगे.
200 रुपये की परमिट फीस भी समाप्त: सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि अब किसान अपने खेत को समतल करने के लिए भी इस पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन एनओसी प्राप्त कर सकेंगे. इतना ही नहीं, अब किसान मिट्टी भरत के कार्य के लिए भी इस पोर्टल के माध्यम से एनओसी प्राप्त कर सकेंगे. इसके लिए उन्हें किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा. अभी जो 200 रुपये की परमिट फीस देनी पड़ती थी, वो भी अब समाप्त कर दी गई है. 450 घन मीटर तक साधारण मिट्टी के उत्खनन की अनुमति भी ऑनलाइन मिलेगी, ई-रवाना नहीं होगी.
रॉयल्टी का 50 प्रतिशत हिस्सा ग्राम पंचायत को मिलेगा: मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में हमने ग्राम पंचायतों को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है. जिस गांव में साधारण मिट्टी का उत्खनन किया जाएगा, उस गांव के सरपंच अथवा ग्राम सचिव से एनओसी लेनी जरूरी होगी. जिस गांव में साधारण मिट्टी का उत्खनन होगा, उस मिट्टी के उत्खनन से प्राप्त रॉयल्टी का 50 प्रतिशत हिस्सा संबंधित ग्राम पंचायत के खाते में जमा होगा. इससे संबंधित ग्राम पंचायत गांव का कोई भी विकास कार्य करवा सकेगा.
पोर्टल में होगी ये सुविधाएं: उन्होंने कहा कि बहुत बार ग्राम पंचायतें जोहड़ अथवा तालाब बनाती थी, तो इन ग्राम पंचायतों को निकाली गई मिट्टी के निपटान के लिए जटिल विभागीय प्रक्रिया का सामना करना पड़ता था. इस प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए अगले 3 से 4 दिनों में तालाब अथवा जोहड़ बनाने के लिए मिट्टी के उत्खनन से संबंधित प्रक्रिया का प्रावधान भी इस पोर्टल में कर दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि पहले मिट्टी से संबंधित मामलों में अनुमति लेने हेतु खनन कार्यालय में जाने की आवश्यकता होती थी और इसकी समय सीमा भी 45 दिन होती थी. अब पोर्टल के माध्यम से इस जटिल प्रक्रिया से राहत मिलेगी और तुरंत अनुमति प्राप्त होगी.
हिट एंड रन दुर्घटना के पीड़ितों को मिलेगी कैशलेस उपचार की सुविधा: हरियाणा में सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ित व्यक्ति को सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से अब राज्य में केंद्र सरकार की तर्ज पर नई योजना शुरू की गई है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि इस योजना के तहत हिट एंड रन के दुर्घटना के मामलों में पीड़ितों को कैशलेस उपचार की सुविधा के साथ-साथ मुआवजा प्रदान किया जाएगा. मुआवजे के आवेदन और पीड़ितों को भुगतान की प्रक्रिया की समय-सीमा भी तय कर दी गई है.
15 दिन के अंदर मिलेगा हिट एंड रन केस का मुआवजा: उन्होंने कहा कि इस स्कीम के तहत बीमाकृत तथा बीमा रहित वाहनों और हिट-एंड-रन दुर्घटनाओं के पीड़ितों को कैशलेस उपचार की सुविधा प्रदान की जाएगी. इस खर्च का वहन हरियाणा रोड सेफ्टी फंड से किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, इस स्कीम को जिला स्तर पर उचित रूप से लागू करने के लिए एक जिला स्तरीय कमेटी का भी गठन किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच आयुक्त द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत करने के 15 दिन के अंदर मुआवजा के भुगतान का आदेश जारी कर दिया जाएगा. इसके बाद 15 दिन के अंदर मुआवजे का भुगतान भी कर दिया जाएगा.
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