चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए आज चुनावी नतीजे आने वाले हैं और आज हरियाणा की जनता अपना फैसला सुना देगी कि अगले 5 सालों के लिए कौन हरियाणा का सिंहासन संभालेगा. लेकिन इस बीच सभी की नज़रें हरियाणा की हॉट सीट्स और बड़े चेहरों पर लगी रहेंगी.
नायब सिंह सैनी :हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी इस बार कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं जिन पर सभी की नजरें हैं. इससे पहले वे करनाल से उपचुनाव जीत चुके हैं लेकिन विधानसभा चुनाव के लिए उन्होंने लाडवा सीट चुनी हैं.
भूपेंद्र सिंह हुड्डा :हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस के सीएम पद के दावेदार भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने गढ़ रह चुके गढ़ी सांपला-किलोई से चुनावी मैदान में हैं. अगर राज्य में कांग्रेस सरकार बनती है तो पार्टी में शैलजा, सुरजेवाला जैसे दावेदारों के मुकाबले उन्हीं के सीएम बनने के ज्यादा चांस हैं.
विनेश फोगाट :जानी-मानी रेसलर और पेरिस ओलंपिक 2024 में मात्र 100 ग्राम वजन ज्यादा होने से चूकी विनेश फोगाट ने कुश्ती छोड़ दी और फिर कांग्रेस का दामन थाम लिया. कांग्रेस में आते ही उन्हें टिकट मिल गया और अब वे अपने ससुराल जुलाना से चुनाव लड़ रही हैं.
गोपाल कांडा : हरियाणा की राजनीति का चर्चित चेहरा और हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री गोपाल कांडा सिरसा सीट से चुनावी मैदान में हैं. उनकी पार्टी हलोपा का बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं हो सका जिसके बाद उन्होंने इनेलो और बसपा के साथ गठबंधन कर लिया. हालांकि बीजेपी उम्मीदवार ने नामांकन वापसी के आखिरी क्षणों में अपना नाम वापस ले लिया जिसके बाद बीजेपी ने ये सीट छोड़ दी है और कांग्रेस प्रत्याशी से उनका मुकाबला है.
कविता दलाल :जुलाना से धाकड़ पहलवान कविता दलाल भी मैदान में है. अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी से वे चुनावी मैदान में हैं और जुलाना के दंगल में विनेश फोगाट का मुकाबला करेंगी.
मंजू हुड्डा : भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुकाबले बीजेपी ने गढ़ी सांपला किलोई से मंजू हुड्डा को टिकट दिया है. मंजू हुड्डा गैंगस्टर राजेश हुड्डा की पत्नी हैं. वे साल 2022 में रोहतक जिला परिषद के चुनाव में चेयरमैन बनीं थी. जब मंजू हुड्डा चेयरमैन बनी थीं तो शहर में गैंगस्टर की पत्नी होने के कारण काफी चर्चा हुई थी. चेयरमैन बनने के बाद मंजू हुड्डा ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली थी.
श्रुति चौधरी :श्रुति चौधरी तोशाम से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं. वे मौजूदा राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी हैं. दोनों मां-बेटी ने लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट ना देने से नाराज़ होकर कांग्रेस छोड़ दिया था.
अनिरुद्ध चौधरी :कांग्रेस के टिकट पर तोशाम से चुनाव लड़ रहे अनिरुद्ध चौधरी BCCI के पूर्व अध्यक्ष रणबीर महेंद्र के बेटे और हरियाणा के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके बंसीलाल के पोते हैं. वे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं.
अभय सिंह चौटाला :ऐलनाबाद से चुनाव लड़ रहे अभय सिंह चौटाला इनेलो के प्रधान महासचिव हैं. वे पिछली बार भी ऐलनाबाद सीट से चुनाव जीते थे. वे पूर्व उप-प्रधानमंत्री ताऊ देवी लाल के पौत्र और ओम प्रकाश चौटाला के बेटे हैं.
रणजीत सिंह चौटाला :पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी से चुनाव लड़कर हार का सामना करने वाले रणजीत सिंह चौटाला को विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट की आस थी लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया जिसके बाद वे रानियां सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं.
अर्जुन चौटाला : इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के महासचिव अभय सिंह चौटाला के बेटे अर्जुन सिंह चौटाला को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है और रिश्ते में उनके दादा रणजीत सिंह चौटाला से उनकी रानियां के चुनाव में टक्कर है.
भव्य बिश्नोई :भारतीय जनता पार्टी ने हिसार की आदमपुर विधानसभा सीट से कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई पर विश्वास जताया है. भव्य इस सीट से 2022 के उपचुनाव में जीत हासिल कर चुके हैं. उन्हें युवा नेता के तौर पर जाना जाता है. पिछले साल उन्होंने आईएएस अधिकारी परी बिश्नोई से शादी की थी.
दिग्विजय चौटाला :जननायक जनता पार्टी के प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला डबवाली से जेजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वे इससे पहले दो चुनाव हार चुके हैं.
आदित्य चौटाला :देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल के पोते आदित्य चौटाला टिकट ना मिलने पर बागी हो गए और इनेलो में शामिल हो गए. उन्होंने हरियाणा सरकार में चेयरमैन का पद भी छोड़ दिया था. अब वे डबवाली सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं.
अमित सिहाग : डबवाली से अमित सिहाग कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. वे डबवाली से कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं और पार्टी ने उन्हें फिर से एक बार मौका दिया है. अमित सिहाग देवीलाल के परिवार से आते हैं.
सावित्री जिंदल :सावित्री जिंदल किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं. वे कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल की मां हैं. बीजेपी से टिकट ना मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया.