जींद: लोकसभा चुनाव और हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश प्रेदश में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई है. सोमवार को एक कार्यक्रम में जींद पहुंचे बीजेपी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह ने हरियाणा में सीएम मनोहर लाल के प्रदेश में चल रही सरकार के सवाल पर कहा कि हरियाणा प्रदेश का गठन हुए 56, 57 साल पहले हुआ था. उससे हरियाणा का जो आज क्षेत्र है और इसमें बसने वाले जो लोग हैं उनकी कोई पहचान नहीं थी. सब कुछ पंजाब तक ही सीमित था. एक नई पहचान मिली है हरियाणा राज्य बनने के बाद प्रगतिशील राज्यों में गिना जाता था. उस वक्त और सभी जिस-जिस की भी सरकारें रहीं चाहे कांग्रेस की सरकार थी, चाहे उस समय के लोक दल की सरकार थी चाहे आज बीजेपी की सरकार है. सबने प्रदेश की प्रगति के लिए बहुत कुछ काम किया.
पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ. बीरेंद्र सिंह ने कहा कि ये एक अलग बात है कि बीजेपी की अपनी एक कार्यशैली है कि वो कितने दिन किसे मुख्यमंत्री रखेगी. कितने साल रखेगी. अब देखा जाए तो मध्यप्रदेश में 18 साल की मुख्यमंत्री रहने के बाद शिवराज चौहान की जगह अब वहां नया सीएम बनाया गया है. उन्होंने कहा कि कैडर बेस्ड पार्टी की ये एक पहचान होती है कि वो किसी व्यक्ति विशेष से ज्यादा पार्टी कैडर को या पार्टी के कार्यकर्ता उसको स्थान देती है. अभी ये पद्धति कहां तक सफल होगी ये तो भविष्य बताएगा, लेकिन ये नई पद्धति है कांग्रेस में ऐसा नहीं है. कांग्रेस में व्यक्ति विशेष की भी पहचान है. व्यक्ति विशेष की पहचान है. इसलिए कांग्रेस में बहुत बड़े-बड़े लीडर भी पैदा हुए हैं, ये अलग-अलग सोच है. इसी तरह की सोच लेफ्ट पार्टी की भी है. वो कैडर बेस्ड है. यानी इंसान से ज्यादा वो अपने कैडर को महत्वपूर्ण मानते हैं. समय पर पता चलेगा कौन सी पद्धति सही है.
कांग्रेस द्वारा निकाली जा रही जनसंदेश यात्रा के सवाल पर चौ. बीरेंद्र ने कहा कि अगर वो ये कहें कि बदलाव नहीं होगा उनको कोई वोट नहीं देगा. ये सब कहेंगे कि बदलाव होगा. आप पार्टी भी यही कह रही है कि बदलाव होगा. कांग्रेस भी कह रही है और भी कोई पार्टी मैदान में उतरेगी वो भी कहेगी. बीजेपी कहेगी तीसरी बार आएंगे. ये अपना-अपना तरीका है. अपनी पार्टी को लोगों के सामने एक मजबूत दावेदार के तौर पर प्रस्तुत करने का तरीका है.