पानीपत: हरियाणा प्रदेश में 2024 विधानसभा चुनाव का आगाज हो चुका है. सभी पार्टियों अपने पूरे दमखम के साथ मैदान में उतर चुकी है. 1 अक्टूबर को प्रदेश में वोटिंग होनी है. आज हम आपको बता रहे हैं पानीपत की शहरी विधानसभा सीट के बारे में. 2014 में इस सीट पर भाजपा ने पहली बार अपनी जीत दर्ज की थी. इस सीट पर बीजेपी के गठन के बाद हार ही मिलती आई थी. 2014 में जब मोदी लहर चली तो भाजपा की प्रत्याशी रोहिता रेवड़ी ने 32 पानीपत शहरी सीट से जीत दर्ज की थी.
पानीपत शहरी सीट पर पहला चुनाव 1952 में हुआ
पानीपत की शहरी विधानसभा सीट पर पहला विधानसभा चुनाव 1952 में हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस के कृष्ण गोपाल दत्त ने जन संघ के कुंदन लाल को हराकर विधायक बने थे. 3 बार कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की. 1967 के विधानसभा चुनाव में जन संघ पार्टी के फतेहचंद ने पानीपत सीट से अपनी जीत दर्ज की थी. 1968 में हुए विधानसभा चुनाव में फतेहचंद ने इस सीट को फिर से जीत लिया. वहीं 1972 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के हुकूमत शाह ने जन संघ के फतेह चंद को हराकर फिर से पानीपत शहरी सीट पर कब्जा कर लिया. 1977 में हुए विधानसभा चुनाव में फतेहचंद ने फिर से कांग्रेस पार्टी से इस सीट को जीत लिया.
बलबीर पाल शाह कई बार जीते चुनाव
वहीं 1987 की बात करें तो हुकूमत शाह के बेटे बलबीर पाल शाह ने कांग्रेस पार्टी से अपनी जीत दर्ज की थी. इस जीत के बाद बलबीर को हरियाणा कांग्रेस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया. 1987 से लेकर 1996 तक बलबीर पाल शाह पानीपत की शहरी सीट पर कायम रहे. इसके बाद 1996 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी ओमप्रकाश जैन ने बलवीर पाल को पटकनी दे दी. बलबीर पाल शाह सिर्फ एक ही बार चुनाव हारे थे. 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में बलबीर पाल शाह फिर से चुनाव जीते और लगातार तीन चुनाव तक पानीपत सीट पर काबिज रहे.
बलबीर शाह के भाई भी बने विधायक