शिमला:हिमाचल के उद्योग, श्रम एवं रोजगार मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा है कि प्रदेश में श्रमिकों के कल्याण को सरकार ने 13 योजनाएं चलाई गई हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में करीब 3.17 लाख श्रमिकों को पंजीकृत किया गया है. जिसमें पंजीकृत लाभार्थी के विवाह और दो बच्चों के विवाह के लिए 51-51 हजार की राशि दी जा रही है. इसी तरह से लाभार्थी और आश्रितों को चिकित्सा उपचार के लिए 50 हजार से 5 लाख तक की वित्तीय सहायता, लाभार्थी के बच्चों को पहली कक्षा से पीएचडी तक की शिक्षा के लिए 8400 से 1.20 लाख की सहायता, 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर एक हजार प्रतिमाह पेंशन सुविधा और लाभार्थी की दुर्घटना एवं बीमारियों के कारण विकलांगता की स्थिति में 500 दिव्यांग पेंशन दी जा रही है. श्रम एवं रोजगार मंत्री ने कहा कि बोर्ड की ओर से पंजीकृत सदस्य की मृत्यु होने पर आश्रितों को 2 से 4 लाख की सहायता दी जाती है.
प्रति माह 1500 की सुविधा:हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि लाभार्थी के मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों की देखभाल को 20 हजार प्रतिवर्ष, पंजीकृत सदस्य की विधवा को 1500 प्रतिमाह विधवा पेंशन, लाभार्थी के बच्चों को होस्टल में रहने पर 20 हजार प्रतिवर्ष, लाभार्थी को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए 1.50 लाख की अतिरिक्त सहायता दी जा रही है. इसके अतिरिक्त कामगारों के कल्याण के लिए अन्य योजनाएं भी चलाई जा रही हैं. बोर्ड द्वारा वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान पंजीकृत श्रमिकों को 5.32 करोड़ रुपये के लाभ दिए गए हैं.
मनरेगा में कार्य करने वाले श्रमिक भी होंगे पंजीकृत:हर्षवर्धन चौहान ने कहा की बोर्ड की ओर से पात्र लोगों का पंजीकरण किया जा रहा है. इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल ई-कामगार व्यवस्था https://bocw.hp.nic.inतैयार किया गया है. इस पोर्टल के माध्यम से श्रमिकों को घर या लोकमित्र केंद्र के माध्यम से पंजीकरण, नवीनीकरण व वित्तीय लाभ के लिए आवेदन की सुविधा प्राप्त हो रही है. उन्होंने कहा कि ऐसे पात्र श्रमिक जिन्होंने पंजीकृत होने से पहले 90 दिनों की अवधि के दौरान केवल भवन निर्माण कार्य मजदूर के रूप में कार्य किया हो, ऐसे लोगों को बोर्ड की योजनाओं के तहत लाभान्वित किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि जिन मनरेगा कामगारों ने 50 दिन तक मनरेगा में भवन एवं अन्य निर्माण संबंधी कार्य किया हो, उन्हें बोर्ड में पंजीकृत किया जाएगा. इसके तहत बोर्ड की ओर से लाभार्थी पंजीकृत किए गए थे, लेकिन वर्ष 2017 में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार यह दिशा-निर्देश वापिस ले लिए गए थे. उन्होंने कहा कि कुछ लोगों द्वारा बोर्ड पर श्रमिकों को वित्तीय लाभ नहीं देने के आक्षेप निराधार हैं. बोर्ड द्वारा नए श्रमिकों का पंजीकरण और उनका नवीनीकरण भी किया जा रहा है. हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि वर्ष 2023-24 में प्रदेश में 555 जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया. जिनमें 2614 श्रमिकों ने भाग लिया. इस अवधि के दौरान 30 स्वास्थ्य जांच शिविर भी आयोजित किए गए. जिसमें 2477 श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच की गई. इसके साथ श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच निर्माण स्थल पर जाकर भी की जा रही है.
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