गैरसैंण:उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में बुधवार 21 अगस्त से विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो गया है. मॉनसून सत्र ने एक तरफ जहां कांग्रेस विधायक सरकार को सदन में घेरने को तैयार बैठे है तो वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत सदन के बाहर धामी सरकार के खिलाफ धरना दे रहे है.
बुधवार 21 अगस्त को हरीश रावत ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ गैरसैंण के रामलीला मैदान में विशाल धरना दिया. इस दौरान उन्होंने गैरसैंण के विकास मुद्दा उठाने के साथ ही अन्य मामलों को लेकर भी सरकार पर कटाक्ष किया. इसके साथ ही हरीश रावत ने अपना विरोध जताते हुए करीब एक घंटे का मौन व्रत भी लिखा.
इनता ही नहीं अपने अनोखे अंदाज में हरीश रावत ने मोमबत्ती जलाकर बाजार में जुलूस निकाल और ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में विकास को ढूंढा. इस दौरान हरीश रावत ने कहा कि सरकार ने गैरसैंण को प्रभारी अधिकारियों के भरोसे छोड़ दिया है.
कांग्रेस बनाएगी गैरसैंण को स्थायी राजधानी: गैरसैंण में एसडीएम, नायब तहसीलदार, खंड शिक्षा अधिकारी व चिकित्सा अधिकारीयों के पद प्रभारीयों के भरोसे छोड़ दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि 2027 में कांग्रेस की सरकार आएगी और गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का काम करेगी.
गैरसैंण की जनता मूलभूत सुविधा के लिए तरसी: हरीश रावत ने कहा कि उनकी सरकार ने विधानसभा भवन, आवासीय भवन और सचिवालय के लिए 57 करोड रुपए मंजूर किए थे. इसके अलावा गैरसैंण टाउन के लिए प्लान तैयार किया था, जिसको लेकर बीजेपी ने कोई खास काम नहीं. यहीं कारण है कि गैरसैंण की जनता आज डॉक्टरों, सड़कों और पेयजल के लिए तरस रही है.
बीजेपी ने सिर्फ घोषणा की: ग्रीष्मकालीन राजधानी में विकास के नाम पर बीजेपी सरकार ने सिर्फ करोड़ों रुपए की घोषणाएं ही की, लेकिन आज तक गैरसैंण में एक ईट तक नहीं लगाई है. वहीं इस मौके पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि वर्तमान बीजेपी सरकार गैरसैंण से किनारा करने का हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन कांग्रेस सड़कों पर उतरकर गैरसैंण की लड़ाई को लड़ेगी.
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